Rajasthan Weather Update: राजस्थान के पूर्वी हिस्से में बना परिसंचरण तंत्र शनिवार को दक्षिण की ओर खिसक गया, जिससे जोधपुर, उदयपुर, अजमेर और कोटा संभाग में भारी से अतिभारी बारिश की आशंका जताई गई है. साथ ही जयपुर और भरतपुर संभाग में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है.
निवाई (टोंक) में सबसे ज्यादा बारिश, जोधपुर में भी पानी-पानी
बीते 24 घंटों के दौरान पूर्वी राजस्थान के कई हिस्सों में भारी बारिश रिकॉर्ड की गई. निवाई (टोंक) में 165 मिमी बारिश हुई जो अब तक की सबसे अधिक है, वहीं भोपालगढ़ (जोधपुर) में 65 मिमी वर्षा दर्ज की गई. लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है.
कोटा में बारिश से खतरा, भीमलत महादेव झरना उफान पर
कोटा संभाग में भी लगातार बारिश के कारण अलर्ट जारी किया गया है. भीमलत महादेव झरना, जो जिले का सबसे बड़ा झरना माना जाता है, तेज बारिश के चलते उफान पर आ गया है. स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है.
कोटा में बैराज के गेट खुले, चंबल नदी में पानी छोड़ा गया
कोटा में मौसम भले ही सुहाना हो गया है, लेकिन चंबल नदी पर बने बांधों में पानी की आवक बढ़ने के कारण प्रशासन सतर्क हो गया है. जल संसाधन विभाग ने कोटा बैराज के दो गेट खोलकर 7000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा है. मौसम विभाग के अनुमान के आधार पर जिला प्रशासन ने पूरे जिले को अलर्ट मोड पर रखा है.
22 से 24 जून तक फिर हो सकती है भारी बारिश
मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, आगामी दिनों में पूर्वी राजस्थान के कई हिस्सों में बारिश की तीव्रता और बढ़ सकती है. विशेष रूप से भरतपुर, कोटा और जयपुर संभाग के कुछ क्षेत्रों में 22 से 24 जून के बीच भारी से अतिभारी बारिश की संभावना है.
बंगाल की खाड़ी से दोबारा सक्रिय हुआ सिस्टम
इस मानसूनी गतिविधि के पीछे बंगाल की खाड़ी में लगातार बन रहे नए वेदर सिस्टम को मुख्य कारण माना जा रहा है. इससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि राज्य में कुछ और दिन बारिश की गतिविधियां बनी रह सकती हैं.
प्रशासन की सतर्कता और लोगों को अलर्ट
प्रशासन की ओर से लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. निचले इलाकों में जलभराव की संभावना, बिजली आपूर्ति में व्यवधान और यातायात में रुकावटें आने की चेतावनी दी गई है. बाढ़ संभावित इलाकों में नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए गए हैं.
मौसम विभाग की सिफारिशें
- गृह क्षेत्र से अनावश्यक यात्रा से बचें
- नदी और झरनों के पास न जाएं
- बिजली गिरने की संभावना वाले समय पर खुले में मोबाइल का उपयोग न करें
- गांव और कस्बों में नालों की साफ-सफाई की व्यवस्था रखें