Haryana Moonsun: हरियाणा में इन दिनों मौसम का दोहरा रूप देखने को मिल रहा है. कभी कड़कती धूप, तो कभी हल्की बारिश लोगों को गर्मी और उमस की मार झेलने पर मजबूर कर रही है. ऐसे में मानसून की सटीक तारीख, तापमान में गिरावट और आगामी मौसम का हाल जानना हर किसी के लिए अहम हो गया है.
तापमान में आई गिरावट, लेकिन राहत अधूरी
राज्य के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि, मौसम का मिजाज लगातार बदलता नजर आ रहा है. दिन में तेज धूप और दोपहर बाद बादल या बूंदाबांदी का दौर बना हुआ है.
लोगों को गर्मी से राहत भले मिली हो, लेकिन मानसून के स्थायी आगमन तक असली राहत मिलनी मुश्किल है.
कब आएगा हरियाणा में मानसून? जानिए विशेषज्ञ की राय
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि मौसम विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने मानसून के आगमन को लेकर अहम जानकारी साझा की है.
उन्होंने बताया कि पहले मानसून के समय से पहले पहुंचने की संभावना जताई गई थी, लेकिन नवीनतम विश्लेषण के अनुसार अब यह अपने निर्धारित समय पर ही पहुंचेगा. यानी मानसून 28 जून से 3 जुलाई के बीच दिल्ली, राजस्थान या उत्तराखंड के रास्ते हरियाणा में प्रवेश कर सकता है.
IMD का अनुमान
भारतीय मौसम विभाग (IMD) की मानें तो इस बार हरियाणा में मानसून सामान्य से बेहतर रहने की संभावना है.
मई में हुई प्री-मानसून बारिश ने पिछले 17 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है, जो अच्छे मानसून का संकेत माना जा रहा है. इसका सीधा लाभ कृषि और जलस्तर दोनों क्षेत्रों को मिल सकता है.
2024 का मानसून रहा था औसत से कम
वर्ष 2024 में हरियाणा में मानसून सामान्य से 5% कम दर्ज किया गया था. जहां सामान्य तौर पर 430.7 मिमी वर्षा होती है, वहीं 2024 में यह आंकड़ा 409.4 मिमी पर सिमट गया.
अगर महीनेवार आंकड़े देखें तो:
- जून: 53%
- जुलाई: 58%
- अगस्त: 126%
- सितंबर: 137% बारिश दर्ज की गई थी.
- यह असंतुलन फसलों और मौसम चक्र पर असर डालने वाला रहा.
- लंबे समय का रिकॉर्ड
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार
2011 और 2018 में मानसून ने हरियाणा में सामान्य से बेहतर प्रदर्शन किया था.
1901 और 1987 में मानसून बेहद कमजोर रहा, जब केवल 63.6% बारिश दर्ज की गई थी.
2025 के लिए विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार मानसून सामान्य से अधिक वर्षा लाएगा, जिससे खेती-किसानी और जल भंडारण को फायदा होगा.
क्या कहते हैं संकेत
इस बार के मौसम संकेत दर्शाते हैं कि कृषि क्षेत्र को मानसून से बड़ी राहत मिल सकती है.
- सिंचाई पर निर्भर फसलें बेहतर हो सकती हैं
- जल संकट वाले क्षेत्रों में भंडारण क्षमता में वृद्धि हो सकती है
- गर्मी और लू से जूझते लोगों को ठंडक का अहसास हो सकता है
- लेकिन मानसून के स्थिर होने तक गर्मी का कहर बना रह सकता है, इसलिए सतर्कता जरूरी है.