Solar Rooftop Subsidy: भारत सरकार ने स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए फ्री सोलर पैनल योजना 2025 की शुरुआत की है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य है हर घर की छत पर सोलर रूफटॉप सिस्टम लगवाना, जिससे देश न केवल ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने, बल्कि आम नागरिकों को भी बिजली बिलों में राहत मिले.
योजना के अंतर्गत मिलने वाली सब्सिडी और सुविधाएं
सरकार इस योजना के तहत 3 किलोवाट तक के सोलर पैनल सिस्टम पर 60% तक की सब्सिडी दे रही है.
- गरीब और बीपीएल परिवारों को कुछ राज्यों में बिल्कुल मुफ्त सोलर पैनल भी दिए जा रहे हैं.
- सोलर पैनल लगवाने के बाद मासिक बिजली बिल बहुत कम हो जाता है.
- यदि उत्पन्न बिजली की खपत कम हो, तो अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर कमाई भी की जा सकती है.
- एक बार सोलर पैनल लगाने पर यह लगभग 25 वर्षों तक लगातार लाभ देता है.
किन्हें मिलेगा इस योजना का लाभ? (पात्रता मानदंड)
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ मुख्य पात्रता शर्तें हैं:
- आवेदक भारत का स्थायी निवासी होना चाहिए.
- घर की छत पर पर्याप्त खाली स्थान उपलब्ध होना चाहिए.
- वैध बिजली कनेक्शन होना जरूरी है.
- आधार कार्ड और बैंक खाता लिंक होना चाहिए.
- बीपीएल कार्डधारकों और प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को प्राथमिकता दी जाती है.
कैसे करें आवेदन? जानिए पूरी प्रक्रिया
फ्री सोलर योजना के लिए आवेदन करना बेहद आसान है:
- प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
- राज्य और बिजली वितरण कंपनी का चयन करें.
- बिजली उपभोक्ता संख्या, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी दर्ज कर ओटीपी से सत्यापन करें.
- आवेदन फॉर्म में आधार कार्ड, पता प्रमाण, बिजली बिल, छत की तस्वीरें और स्वामित्व प्रमाण अपलोड करें.
- आवेदन के बाद बिजली वितरण कंपनी छत की जांच कर स्वीकृति देती है.
राज्यवार लाभ
योजना पूरे देश में लागू है, लेकिन कुछ राज्यों में अतिरिक्त सुविधाएं दी जा रही हैं:
- हरियाणा: अतिरिक्त ₹1000 का प्रोत्साहन.
- उत्तर प्रदेश: ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त सोलर पैनल.
- राजस्थान: SC/ST परिवारों को 100% सब्सिडी.
- मध्य प्रदेश: प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत लाभ.
- बिहार: BPL परिवारों को मुफ्त सुविधा.
लंबे समय तक लाभ और पर्यावरणीय प्रभाव
फ्री सोलर पैनल योजना का सबसे बड़ा लाभ है कि यह एक बार की लागत पर 25 वर्षों तक फायदा देती है.
- इससे बिजली की लागत में भारी कटौती होती है.
- पर्यावरण संरक्षण में योगदान मिलता है क्योंकि यह कार्बन उत्सर्जन को कम करता है.
- यह भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाता है और स्वच्छ ऊर्जा का मार्ग खोलता है.