भारत के इस जिले के नाम में है 2 अक्षर, रामायण काल से जुड़ी है खास पहचान Smallest District Name

Smallest District Name: भारत में कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं, जिनमें 797 जिले शामिल हैं. इनमें राज्यों के 752 जिले और केंद्र शासित प्रदेशों के 45 जिले आते हैं. हर जिले की अपनी एक अलग ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान होती है. कई जिलों के नाम तो काफी लंबे हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत का सबसे छोटा नाम वाला जिला कौन-सा है?

दो अक्षरों में बसता है एक पूरा जिला

जी हां, भारत में एक ऐसा जिला है जिसका नाम केवल दो अक्षरों का है. यह नाम सुनकर कोई भी चौंक सकता है, लेकिन यह बिल्कुल सच है. आमतौर पर लोग उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र जैसे राज्यों के जिलों के नाम तो जानते हैं, लेकिन यह दो-अक्षरी जिला देशभर में अपने नाम की अनूठी पहचान रखता है.

कौन है यह खास जिला?

यह अनोखा जिला है उत्तर प्रदेश का ‘मऊ’. यह यूपी का एकमात्र जिला है जिसका नाम सिर्फ दो अक्षरों से बना है. इतिहास और पौराणिक ग्रंथों में भी इस जिले का जिक्र मिलता है, जिससे यह न सिर्फ नाम से बल्कि संस्कृति और विरासत के लिहाज से भी खास बन जाता है.

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मऊ जिले का ऐतिहासिक महत्व

मऊ जिला उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित है. इसका इतिहास करीब 1500 वर्षों पुराना माना जाता है. कहा जाता है कि रामायण और महाभारत काल में भी इस क्षेत्र का उल्लेख हुआ है. कई मान्यताओं के अनुसार, महर्षि वाल्मीकि का आश्रम भी इसी क्षेत्र में स्थित था. यही वजह है कि मऊ को धार्मिक दृष्टिकोण से भी खास माना जाता है.

कैसे बना मऊ एक स्वतंत्र जिला

मऊ पहले आजमगढ़ जिले का हिस्सा था. लेकिन 19 नवंबर 1988 को इसे स्वतंत्र जिला घोषित कर दिया गया. इसके बाद से मऊ अपनी प्रशासनिक पहचान के साथ-साथ ऐतिहासिक विरासत को भी और मजबूती से संजोए हुए है.

भारत के अन्य प्रमुख ऐतिहासिक जिले

भारत में ऐसे कई जिले हैं जो अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाने जाते हैं, जैसे —

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  • प्रयागराज: जहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है
  • वाराणसी: भारत की आध्यात्मिक राजधानी
  • आगरा: ताजमहल का शहर
  • लखनऊ: नवाबी तहज़ीब का प्रतीक
  • मथुरा: भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि

इन सभी जिलों का नाम भले बड़ा हो, लेकिन मऊ अपने छोटे नाम और बड़े इतिहास के कारण सबसे अलग पहचान रखता है.

मऊ का नाम ही क्यों खास है?

‘मऊ’ नाम जितना छोटा है, इसका इतिहास और पहचान उतनी ही समृद्ध और प्रभावशाली है. यह नाम बच्चों की GK प्रतियोगिताओं से लेकर सरकारी परीक्षाओं तक में पूछा जाता है. बहुत से लोग इसे जानकर हैरान भी हो जाते हैं कि ऐसा जिला भी देश में मौजूद है.

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