State Capital Region UP: उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत राजधानी लखनऊ और उसके आसपास के 5 जिलों को मिलाकर एक नया स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) बनाया जा रहा है. SCR में शामिल होंगे लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, उन्नाव और रायबरेली, जहां अगले 10 वर्षों में मेट्रो, रैपिड रेल और आउटर रिंग रोड जैसी बड़ी परियोजनाएं शुरू की जाएंगी. यह पूरी योजना विकास, आधुनिकता और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी का नया मॉडल बन सकती है.
SCR में मेट्रो और रैपिड रेल का ब्लूप्रिंट तैयार
लखनऊ मेट्रो की मौजूदा लंबाई 29 किलोमीटर है और जल्द ही इसमें 12 किलोमीटर का विस्तार शुरू होने वाला है. UPMRC द्वारा तैयार योजना के मुताबिक शहर में 100 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क होगा, वहीं SCR को जोड़ने के लिए 200 किलोमीटर लंबा रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) विकसित किया जाएगा. इसके लिए चेन्नई की एक कंसल्टिंग फर्म को ब्लूप्रिंट तैयार करने का काम सौंपा गया है.
आठ नए मेट्रो रूट प्रस्तावित, बढ़ेगी इन इलाकों की पहुंच
UPMRC ने SCR के तहत 8 नए मेट्रो रूट प्रस्तावित किए हैं. जिनकी कुल लंबाई 127.74 किमी होगी:
- मुंशीपुलिया से जानकीपुरम – 6.29 किमी
- राजाजीपुरम से IIM – 18.42 किमी
- इंदिरानगर से अनौरा कला – 9.27 किमी
- अनौरा कला से बाराबंकी – 14 किमी
- चारबाग से कल्ली पश्चिम – 13 किमी
- इंदिरानगर से सीजी सिटी – 7.7 किमी
- सीजी सिटी से अमौसी एयरपोर्ट – 19.08 किमी
- कल्ली पश्चिम से मोहनलालगंज – 6.0 किमी
इन रूटों से लखनऊ और आसपास के जिलों के बीच दैनिक यात्रा बेहद सुगम हो जाएगी.
चारबाग से वसंतकुंज तक ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर भी मंजूर
चारबाग से वसंतकुंज तक 11.1 किमी लंबा ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पहले ही मंजूर हो चुका है. इस रूट पर 12 प्रमुख स्टेशन बनाए जाएंगे. जिनमें अमीनाबाद, केजीएमयू और चौक जैसे घनी आबादी वाले इलाके शामिल हैं. इस परियोजना के लिए 1.5 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया है और टोपोग्राफी सर्वे, यूटिलिटी डायवर्जन, सॉइल टेस्टिंग जैसे कार्य शुरू हो चुके हैं.
SCR में बनेगी 300 KM लंबी आउटर रिंग रोड
SCR क्षेत्र के सभी छह जिलों को जोड़ने के लिए 300 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड बनाई जाएगी. यह रोड सीधी और तेज रफ्तार कनेक्टिविटी देगी, जिससे लखनऊ से इन जिलों की दूरी घटेगी और व्यापारिक व निजी यात्रा दोनों के लिए रास्ता आसान होगा.
SCR के गठन से तेज होगा क्षेत्रीय विकास
SCR का कुल क्षेत्रफल 27,826 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें लखनऊ केंद्र बिंदु है. इसके अलावा:
- हरदोई – 5,986 किमी²
- सीतापुर – 5,743 किमी²
- उन्नाव – 4,558 किमी²
- रायबरेली – 4,609 किमी²
- बाराबंकी – 4,402 किमी²
इन सभी जिलों की सीमाएं आपस में जुड़ी हैं. जिससे संवेदनशील और सुनियोजित विकास का अवसर मिलेगा.
SCRDA करेगा योजना का संचालन
SCR के विकास के लिए उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (SCRDA) की स्थापना की गई है. यह प्राधिकरण शहरी नियोजन, आधारभूत ढांचा, औद्योगिक विकास और सार्वजनिक परिवहन जैसे क्षेत्रों पर काम करेगा.
SCR में होंगे ये प्रमुख काम
- सड़क नेटवर्क: हाई-स्पीड कॉरिडोर, रिंग रोड, और आंतरिक सड़कें
- बिजली व्यवस्था: स्मार्ट ग्रिड और रिन्युएबल एनर्जी के जरिये निर्बाध आपूर्ति
- जलापूर्ति: आधुनिक जल शोधन संयंत्र और पाइपलाइन
- परिवहन: मेट्रो, रैपिड रेल और इलेक्ट्रिक बसों के जरिए ग्रीन ट्रांसपोर्ट
- औद्योगिक विकास: SCR को नए औद्योगिक हब के रूप में विकसित करना, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट जैसी परियोजनाएं शामिल हैं
SCR में आएगा सामाजिक-आर्थिक बदलाव
लखनऊ की GDP रैंकिंग वर्तमान में उत्तर प्रदेश में दूसरे स्थान पर है (नोएडा पहले, गाजियाबाद तीसरे स्थान पर). SCR के विकास से:
- नई नौकरियां
- बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं
- ग्रामीण-शहरी संतुलन
- महिला और युवा सशक्तिकरण
जैसे प्रभाव देखने को मिलेंगे.
जून 2025 से नए शहरों की योजना भी शुरू
मुख्यमंत्री शहरी विस्तार व नए शहर प्रोत्साहन योजना के तहत SCR में नए शहरों और शहरी परियोजनाओं की शुरुआत जून 2025 से होगी. इसमें लखनऊ, बरेली, झांसी, और न्यू कानपुर सिटी को शामिल किया गया है. सरकार का लक्ष्य है कि SCR को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से भी आधुनिक बनाकर एक आदर्श विकास मॉडल के रूप में पेश किया जाए.