Haryana Village Cleanliness: हरियाणा सरकार ने गांवों को स्वच्छ और साफ-सुथरा बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. अब प्रदेश के गांवों में भी शहरों की तरह कूड़े का उठान और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था लागू की जा रही है. इसके लिए सरकार ने 7500 से अधिक आबादी वाले गांवों को डंपर (Hopper Tipper Dumper) देने का फैसला लिया है.
298 हॉपर टिपर डंपर की खरीद को मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में 298 डंपर खरीदने की स्वीकृति दी गई है. इसके लिए सरकार ने 19 करोड़ रुपये से अधिक का बजट पास किया है. संबंधित कंपनी को जल्द से जल्द डिलीवरी देने के निर्देश दिए गए हैं ताकि ग्राम पंचायतों को ये वाहन जल्द सौंपे जा सकें.
हर गांव में पहुंचेगा डंपर
सरकार का लक्ष्य है कि गांवों से निकलने वाले घरेलू कूड़े का उठान प्रभावी ढंग से किया जाए. अब पहले के नियमों को बदलते हुए 10 हजार की बजाय 7500 से अधिक आबादी वाले गांवों को भी इस योजना में शामिल किया गया है. डंपरों की मदद से कूड़ा एकत्र कर नजदीकी कलस्टर में प्रोसेस किया जाएगा.
क्लस्टर आधारित मॉडल में होगा कूड़ा प्रबंधन
हरियाणा सरकार ने गांवों को मिलाकर क्लस्टर आधारित मॉडल तैयार किया है. एक क्लस्टर में पांच से छह गांवों का कूड़ा इकट्ठा किया जाएगा. वहां बनाए गए शेड्स में कचरे की प्रोसेसिंग होगी. कूड़े से खाद बनाने और प्लास्टिक-कांच को अलग करने की व्यवस्था पहले से मौजूद है. भविष्य में कचरे से बिजली उत्पादन की भी योजना है.
डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की शुरुआत
शहरों की तर्ज पर अब गांवों में भी घर-घर से कचरा उठाने की योजना शुरू हो गई है. कुछ गांवों में यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है. सरकार की योजना है कि इसे प्रदेश के सभी गांवों में विस्तार दिया जाए. इसके लिए स्वयं सहायता समूहों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी और उन्हें मासिक मानदेय भी दिया जाएगा.
स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों को खुले में शौच मुक्त रखने पर जोर
विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव अमित अग्रवाल ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाए रखना और ठोस-तरल अपशिष्ट प्रबंधन को मजबूत करना सरकार का मुख्य उद्देश्य है. इसके तहत ही डंपर खरीद, प्रोसेसिंग शेड्स और डोर-टू-डोर कलेक्शन जैसी योजनाओं को लागू किया जा रहा है.
गांवों में होगी हर आधुनिक सफाई सुविधा
अन्नपूर्णा भवनों और प्रोसेसिंग यूनिट्स के माध्यम से कचरे को सही तरीके से निष्पादित करने, खाद बनाने और संसाधनों को पुनः उपयोग में लाने का काम किया जाएगा. इस दिशा में हरियाणा का यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल बन सकता है.
ग्रामीण विकास की दिशा में ठोस पहल
हरियाणा सरकार की यह योजना सिर्फ सफाई की नहीं. बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के सतत विकास की भी नींव है. जब गांवों में साफ-सफाई बेहतर होगी, तो रोगों की रोकथाम, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक सुविधा में भी सुधार होगा.