सैनिक स्कूलों में कैसे मिलता है एडमिशन, जाने आवेदन करने का प्रॉसेस,फीस और स्कॉलरशिप डिटेल Sainik School Admission

Sainik School Admission: हर माता-पिता की यही ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे को अच्छी शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य मिले. इसके लिए स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाता है. जहां एक ओर आधुनिक स्कूल तकनीकी और कोचिंग की सुविधाएं दे रहे हैं. वहीं सैनिक स्कूल एक ऐसा विकल्प बनकर उभरे हैं जो अनुशासन, देशभक्ति और करियर की दिशा में बच्चों को मजबूत आधार देते हैं.

क्या है सैनिक स्कूल?

सैनिक स्कूल रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत संचालित होने वाले बोर्डिंग स्कूल हैं. इनका उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), वायु सेना, नौसेना और अन्य सैन्य सेवाओं के लिए तैयार करना होता है. यहां पढ़ाई के साथ-साथ अनुशासित जीवनशैली और फिजिकल ट्रेनिंग भी दी जाती है.

कक्षा 6वीं और 9वीं में मिलता है दाखिला

सैनिक स्कूलों में प्रवेश सिर्फ कक्षा 6वीं और 9वीं में होता है. बच्चे को सालभर हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करनी होती है. यहां पूरी तरह से मिलिट्री स्टाइल में दिनचर्या, अनुशासन और गतिविधियां करवाई जाती हैं ताकि छात्र मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार हो सकें.

यह भी पढ़े:
शनिवार शाम सोने चांदी में आया उछाल, जाने 14 और 18 कैरेट गोल्ड के ताजा रेट Gold Silver Rate

AISSEE परीक्षा से होता है प्रवेश

प्रवेश के लिए AISSEE (All India Sainik School Entrance Examination) आयोजित की जाती है. इस परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) करती है. परीक्षा पास करने वाले छात्रों को मेडिकल टेस्ट से भी गुजरना होता है. दोनों स्तरों पर सफल होने के बाद ही प्रवेश मिलता है.

परीक्षा कठिन, पर सफलता दिलाने वाला रास्ता

AISSEE परीक्षा को पास करना हर किसी के बस की बात नहीं होती. परीक्षा में बैठने वाले हजारों छात्रों में से बहुत कम ही इसका लिखित और मेडिकल दोनों स्तर पास कर पाते हैं. परीक्षा में गणित, सामान्य ज्ञान, भाषा और बुद्धि परीक्षण जैसे विषय शामिल होते हैं.

सैनिक स्कूल की फीस कितनी होती है?

सैनिक स्कूल में सालाना फीस लगभग ₹1.5 लाख तक होती है. इसमें शामिल हैं – ट्यूशन फीस, हॉस्टल चार्ज, यूनिफॉर्म, मेस शुल्क और अन्य सुविधाएं. हालांकि कुछ राज्यों में SC/ST, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और डिफेंस बैकग्राउंड से आने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति (Scholarship) दी जाती है.

यह भी पढ़े:
नोएडा एयरपोर्ट से बढ़ेगी हरियाणा की कनेक्टिविटी, इन रूटों पर शुरू होगी बस सेवा Noida Airport

बच्चों में विकसित होते हैं अनुशासन और आत्मनिर्भरता

सैनिक स्कूल में पढ़ने वाले छात्र न सिर्फ शिक्षा बल्कि नैतिक मूल्यों, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व कौशल में भी आगे रहते हैं. उनका हर दिन एक तय कार्यक्रम के अनुसार होता है – सुबह की परेड से लेकर रात की पढ़ाई तक. यह उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में संघर्षों का सामना करने के लिए तैयार करता है.

कौन कर सकता है आवेदन?

कोई भी छात्र जिसने कक्षा 5वीं या 8वीं पास कर ली हो, वह कक्षा 6 या 9 के लिए आवेदन कर सकता है. आयु सीमा आमतौर पर 10 से 12 वर्ष (कक्षा 6) और 13 से 15 वर्ष (कक्षा 9) के बीच होती है. आवेदन केवल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही स्वीकार किए जाते हैं.

सैनिक स्कूल के छात्र कहां-कहां जाते हैं?

सैनिक स्कूल से पासआउट छात्र अक्सर NDA, INA, एयरफोर्स एकेडमी, टेक्निकल कोर्सेस और सिविल सेवाओं में आगे बढ़ते हैं. इन स्कूलों का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है और इनकी मान्यता हर क्षेत्र में अत्यधिक है.

यह भी पढ़े:
15 दिन आगे बढ़ी गर्मी की स्कूल छुट्टियां, जारी हुए सरकारी आदेश Up School Holiday Extended

सैनिक स्कूल क्यों चुनें?

  • देश सेवा की प्रेरणा और नेतृत्व कौशल का विकास
  • अनुशासन आधारित शिक्षा प्रणाली
  • राष्ट्रीय सेवाओं में करियर की मजबूत नींव
  • शारीरिक और मानसिक विकास
  • कम लागत में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा

Leave a Comment

WhatsApp Group