Electricity Subsidy: प्रदेश में गर्मी का प्रकोप सिर्फ मौसम तक ही सीमित नहीं है, इसका असर अब बिजली खपत और उपभोक्ता सब्सिडी पर भी नजर आने लगा है. अत्यधिक तापमान के कारण लोगों ने राहत के लिए भारी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग शुरू कर दिया है. जिससे बिजली की खपत रोजाना 20 लाख यूनिट तक बढ़ गई है.
सामान्य दिनों में जहां प्रतिदिन औसतन 70 लाख यूनिट बिजली की खपत होती थी. अब यह आंकड़ा 90 लाख यूनिट से ऊपर पहुंच चुका है. इसका सीधा असर उन उपभोक्ताओं पर पड़ा है जो अब तक अटल गृह ज्योति योजना के तहत बिजली सब्सिडी का लाभ ले रहे थे.
बढ़ी खपत ने सब्सिडी पाने वालों की संख्या घटाई
गर्मी के कारण बिजली की खपत बढ़ने से लगभग एक लाख उपभोक्ता इस बार सब्सिडी से बाहर हो गए हैं. जहां सामान्यतः हर महीने करीब 3 लाख उपभोक्ता इस योजना का लाभ लेते हैं. वहीं इस बार यह संख्या घटकर 2 लाख रह गई है.
क्या है अटल गृह ज्योति योजना?
इस योजना के तहत यदि कोई उपभोक्ता प्रति माह 150 यूनिट तक बिजली खर्च करता है, तो उसे प्रथम 100 यूनिट के लिए केवल ₹100 का बिल देना होता है. शेष 50 यूनिट का बिल मौजूदा टैरिफ रेट से जोड़ा जाता है. लेकिन अगर कोई उपभोक्ता 150 यूनिट से अधिक बिजली खर्च करता है, तो वह उस महीने के लिए सब्सिडी का पात्र नहीं माना जाता.
गर्मी के चलते क्यों बढ़ी बिजली खपत?
राज्य में लगातार चल रही लू और बढ़ता तापमान लोगों को कूलर, पंखे, एयर कंडीशनर जैसे उपकरणों के उपयोग के लिए मजबूर कर रहा है. इन उपकरणों की वजह से बिजली की खपत में अचानक इजाफा हुआ है. कई उपभोक्ता अनजाने में ही 150 यूनिट की सीमा पार कर गए. जिससे उन्हें सब्सिडी नहीं मिल पाई.
बिजली खपत के आंकड़े कुछ इस प्रकार रहे
दिनांक | बिजली खपत (लाख यूनिट) |
---|---|
01 जून | 91.56 |
02 जून | 98.72 |
03 जून | 93.95 |
04 जून | 88.00 |
05 जून | 79.98 |
06 जून | 95.53 |
07 जून | 89.64 |
08 जून | 94.93 |
09 जून | 98.27 |
इन आंकड़ों से साफ है कि हर दिन खपत 90 लाख यूनिट के आसपास या उससे अधिक बनी हुई है, जो औसत खपत से कहीं ज्यादा है.
कितनी सब्सिडी दी जाती है?
- हर माह 129 करोड़ रुपए से अधिक की बिजली सब्सिडी वितरित की जाती है.
- 30 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को योजना का लाभ मिलता है.
- भोपाल में 3 लाख से अधिक उपभोक्ता इस योजना के अंतर्गत आते हैं.
- एक उपभोक्ता औसतन ₹430 की सब्सिडी ले रहा है.
- इस माह 4.30 करोड़ रुपए अतिरिक्त वसूली संभावित है, क्योंकि कई उपभोक्ता सब्सिडी से बाहर हो गए हैं.
आपदा प्रबंधन के लिए कंपनी ने की विशेष व्यवस्था
भीषण गर्मी और बारिश के समय बिजली लाइनों में संभावित फॉल्ट और आपूर्ति बाधा को लेकर कंपनी ने आपदा प्रबंधन तंत्र सक्रिय किया है. मुख्यालय में तैनात महाप्रबंधक केसी मिश्रा को आपदा व संकट प्रबंधन का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. उनका काम होगा किसी भी संकट की स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देना और आपूर्ति बहाल रखना.
कैसे होगा बिजली संकट का समाधान?
- जोनल स्तर पर रैपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन.
- बारिश या आंधी में टूटे तार या फॉल्ट पर त्वरित मरम्मत कार्य.
- फील्ड कर्मचारियों को अतिरिक्त संसाधन और उपकरण मुहैया कराना.
- उपभोक्ताओं को सभी जरूरी सूचना कॉल सेंटर या मोबाइल ऐप के माध्यम से मिलेंगी.
उपभोक्ताओं के लिए सलाह
- इमरजेंसी में 1912 या संबंधित ऑफिस से संपर्क करें.
- 150 यूनिट की सीमा में खपत बनाए रखें ताकि सब्सिडी मिलती रहे.
- अनावश्यक बिजली उपकरणों का इस्तेमाल न करें.
- कूलर और एसी का प्रयोग जरूरत के अनुसार ही करें.