वाहन चालकों के लिए टेन्शन बनी चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस, रोड पर जाने से डर रहे ड्राइवर Vehicle Checking Scam

Vehicle Checking Scam: पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के वाहन चालकों में इन दिनों चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस को लेकर जबरदस्त डर और नाराज़गी का माहौल है. जानकारी के अनुसार इन राज्यों के नंबर प्लेट वाली गाड़ियां जैसे ही चंडीगढ़ में प्रवेश करती हैं, पुलिसकर्मी बिना किसी स्पष्ट वजह के उन्हें रोक लेते हैं. ऐसे में चालक अपने को बेबस और परेशान महसूस करते हैं. क्योंकि अधिकतर मामलों में उन्होंने कोई ट्रैफिक नियम नहीं तोड़ा होता. इसके बावजूद उन्हें पूछताछ या चालान की धमकी दी जाती है.

ट्रैफिक पुलिस कर रही गैर-कानूनी वसूली

चंडीगढ़ के एंट्री प्वाइंट्स पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मियों द्वारा दूसरे राज्यों की गाड़ियों से अवैध वसूली की जा रही है. शिकायतें हैं कि पुलिसकर्मी बिना कोई नियम उल्लंघन साबित किए, चालकों से पैसे मांगते हैं. अक्सर ड्राइवर चालान के डर से इन्हें पैसे दे देते हैं. यह एक तरह की सिस्टमेटिक वसूली का हिस्सा बन चुका है. जहां “अच्छे” ड्यूटी पॉइंट्स पर तैनाती पाने के लिए पैसे कमाने का दबाव है.

पुलिसकर्मी ने किया अंदरूनी सिस्टम का खुलासा

एक पुलिसकर्मी ने इस पूरे घोटाले का पर्दाफाश करते हुए बताया कि ड्यूटी लोकेशन को लेकर ट्रैफिक विंग के अंदर ही मुंशी स्टाफ का पूरा नियंत्रण है. उन्हीं के इशारे पर किसे कहां भेजना है तय होता है. अच्छे एरिया की पोस्टिंग के लिए गाड़ियों से वसूली जरूरी मानी जाती है. इससे साफ है कि ट्रैफिक पुलिस की साख और पारदर्शिता दोनों पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

यह भी पढ़े:
रविवार सुबह सोने चांदी में आया उछाल, जाने 10 ग्राम सोने का ताजा बाजार भाव Gold Silver Rate

हर चौक और ट्रैफिक प्वाइंट पर बाहरी नंबर की गाड़ी निशाना

चंडीगढ़ के हर प्रमुख ट्रैफिक चौक या सिग्नल प्वाइंट पर अक्सर किसी न किसी बाहरी राज्य की गाड़ी को रोका जा रहा है. मौके पर तैनात कर्मचारी पहले दस्तावेजों की जांच करते हैं और फिर नियम न तोड़ने के बावजूद भी चालान की धमकी देकर पैसे मांगते हैं. इससे परेशान होकर अब कई वाहन चालक चंडीगढ़ आने से कतराने लगे हैं.

जिम्मेदार अधिकारी मौन, कोई जवाब नहीं

इस पूरे प्रकरण में जब ट्रैफिक विंग के एसएसपी सुमेर प्रताप से बात करने के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने न तो फोन उठाया और न ही वापसी कॉल की. यहां तक कि उनके सरकारी मोबाइल नंबर पर भेजा गया व्हाट्सएप मैसेज भी अनदेखा कर दिया गया. इससे अधिकारियों की लापरवाही और जवाबदेही की कमी भी उजागर हो रही है.

बाहरी राज्य के वाहन चालकों की पीड़ा

बाहर से आने वाले वाहन चालकों का कहना है कि अगर ट्रैफिक नियम नहीं तोड़ा गया, तो पुलिस को उन्हें क्यों रोका जाता है? इससे उनके मन में डर बैठ गया है और वे चंडीगढ़ में प्रवेश करने से पहले ही तनाव में आ जाते हैं.

यह भी पढ़े:
शनिवार शाम सोने चांदी में आया उछाल, जाने 14 और 18 कैरेट गोल्ड के ताजा रेट Gold Silver Rate

प्रशासनिक निष्क्रियता पर उठते सवाल

डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव के ट्रांसफर के बाद ट्रैफिक विभाग में अनुशासनहीनता और अनियमितता खुलकर सामने आ गई है. कर्मचारियों की कथित मिलीभगत और सिस्टम में फैली भ्रष्ट कार्यशैली को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं कि प्रशासन कब और कैसे कार्रवाई करेगा?

क्या कहता है कानून?

मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पुलिस तभी वाहन रोक सकती है जब ट्रैफिक उल्लंघन हुआ हो या फिर वाहन/चालक पर कोई विशेष संदेह हो. बिना कारण वाहन रोककर पैसे लेना स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार और अधिकारों का दुरुपयोग है, जिस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

जनता का भरोसा बहाल करना जरूरी

पुलिस की भूमिका सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने की होती है, न कि भय और वसूली फैलाने की. यदि ऐसे कृत्य पर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, तो जनता का भरोसा प्रशासन से उठना तय है और चंडीगढ़ की छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

यह भी पढ़े:
नोएडा एयरपोर्ट से बढ़ेगी हरियाणा की कनेक्टिविटी, इन रूटों पर शुरू होगी बस सेवा Noida Airport

Leave a Comment

WhatsApp Group