Anil Vij Action: हरियाणा में लगातार हो रही बिजली कटौती को लेकर ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने सभी अधीक्षण अभियंताओं (SE) को निर्देश दिए हैं कि वे हर दिन की बिजली आपूर्ति की विस्तृत रिपोर्ट ऊर्जा मंत्री कार्यालय को जरूर भेजें. विज ने कहा कि यदि रिपोर्ट भेजने के बावजूद किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सरकार ने पहले से की है बिजली आपूर्ति की पूरी व्यवस्था
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऊर्जा मंत्री ने बताया कि हरियाणा में रोजाना16000 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होती है और सरकार ने इसकी पूरी व्यवस्था पहले से सुनिश्चित कर ली है. उन्होंने यह भी कहा कि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को आदेश दिया गया है कि हर SE से रिपोर्ट ली जाए कि उनके क्षेत्र में कितने घंटे बिजली दी गई और यदि बिजली नहीं दी गई, तो इसके पीछे क्या कारण था.
रिपोर्ट भेजना होगा अनिवार्य, नहीं तो होगी कार्रवाई
ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि बिजली आपूर्ति में किसी प्रकार की अनियमितता को गंभीरता से लिया जाएगा. यदि किसी क्षेत्र में बिजली नहीं दी जा रही है, तो संबंधित अधिकारी को हर दिन कारण सहित रिपोर्ट देनी होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रिपोर्ट देने के बावजूद यदि लापरवाही सिद्ध होती है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ निलंबन या अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
ट्रांसफार्मर सुधार में भी नहीं चलेगी ढिलाई
ऊर्जा मंत्री विज ने बताया कि राज्य के सभी पुराने ट्रांसफार्मरों का अगमेंटेशन (क्षमता वृद्धि) किया जाएगा. बिजली निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ट्रांसफार्मर बदलने में किसी प्रकार की देरी न करें. विज ने हाल ही में एक मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि एक JE को सिर्फ इसलिए निलंबित कर दिया गया, क्योंकि उसने 15 दिन से खराब ट्रांसफार्मर नहीं बदला था.
सुनिश्चित करें गाड़ी और स्टाफ की उपलब्धता
ऊर्जा विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि ट्रांसफार्मर बदलने के लिए आवश्यक गाड़ियां और स्टाफ पहले से उपलब्ध हों. विज ने कहा कि जनता को बिजली संकट से निजात दिलाना सरकार की प्राथमिकता है और इसमें कोई भी अधिकारी कोताही करता है तो बख्शा नहीं जाएगा.
ऊर्जा विभाग को जवाबदेह बनाने की तैयारी
इस पहल का मुख्य उद्देश्य ऊर्जा विभाग की जवाबदेही तय करना और बिजली संकट से जूझ रहे लोगों को राहत देना है. यह पहली बार है जब ऊर्जा मंत्री ने रोजाना रिपोर्टिंग सिस्टम लागू किया है, ताकि सीधे उच्च स्तर पर निगरानी हो सके.