इन राज्यों में 6 महीने पहले शुरू होगी जनगणना, जाने राज्यों के नाम Indian Census

Indian Census: भारत सरकार ने आने वाली जनगणना 2026 के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, इस बार जनगणना दो हिस्सों में और पूरी तरह डिजिटल प्रणाली के माध्यम से की जाएगी. इसके तहत जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी की वजह से 1 अक्टूबर 2026 से ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, जबकि देश के अन्य हिस्सों में जनगणना 1 मार्च 2027 से शुरू की जाएगी.

पहली बार शामिल होगी ‘जाति’ की जानकारी

इस बार की जनगणना कई मायनों में ऐतिहासिक होगी क्योंकि आज़ाद भारत में पहली बार जातिगत जानकारी को भी शामिल किया जाएगा. जनगणना अधिकारी अब लोगों की जाति पूछकर उसका डेटा दर्ज करेंगे. इससे सामाजिक-आर्थिक योजनाओं के लिए अधिक सटीक आंकड़े तैयार किए जा सकेंगे.

जनगणना होगी दो चरणों में

  • गृह मंत्रालय के मुताबिक, जनगणना दो चरणों में की जाएगी.
  • पहले चरण में हर घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं की जानकारी एकत्र की जाएगी.
  • दूसरे चरण में जनसंख्या, उम्र, रोजगार, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, और सांस्कृतिक विवरण इकट्ठा किए जाएंगे.
  • इस बार कुल 30 सवाल पूछे जाने की संभावना है, क्योंकि जाति से जुड़ा एक नया कॉलम जोड़ा जा रहा है.

जनगणना के लिए तैनात होंगे लाखों कर्मचारी

भारत की यह 16वीं और स्वतंत्र भारत की 8वीं जनगणना होगी. इसके लिए लगभग 34 लाख कर्मचारी और पर्यवेक्षक तैनात किए जाएंगे. वहीं, 1.3 लाख से अधिक गणनाकारों को ट्रेनिंग दी जाएगी. सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया के लिए 12,000 करोड़ रुपए से अधिक बजट निर्धारित किया है.

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डिजिटल जनगणना

यह जनगणना भारत की पहली डिजिटल जनगणना होगी. इसमें नागरिकों को Self Enumeration यानी स्वयं सूचना दर्ज करने की सुविधा भी मिलेगी. मोबाइल ऐप और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोग अपनी जानकारी ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे.

डेटा सुरक्षा होगी सर्वोच्च प्राथमिकता

डिजिटल जनगणना में डेटा सुरक्षा के लिए भी सख्त प्रोटोकॉल अपनाए जाएंगे. सरकार ने कहा है कि नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी को एन्क्रिप्शन तकनीक से सुरक्षित रखा जाएगा और इसका कोई दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा.

जनगणना में पूछे जाएंगे ये अहम सवाल

इस बार के सवालों में कुछ नए विषय शामिल हो सकते हैं. संभावित सवालों में ये शामिल हैं:

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  • घर के मुखिया की जाति, लिंग और परिवार में विवाहित जोड़ों की संख्या
  • शैक्षणिक योग्यता
  • घर में टेलीफोन, मोबाइल फोन, स्मार्टफोन, इंटरनेट की उपलब्धता
  • परिवार के पास कौन से वाहन (साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार) हैं
  • घर में उपयोग होने वाला प्रमुख अनाज और ईंधन
  • शौचालय, रसोई, स्नानघर, बिजली और गैस कनेक्शन की स्थिति
  • घर की दीवार, छत और फर्श किस सामग्री से बनी है

गृह मंत्री ने की तैयारियों की समीक्षा

गृह मंत्री अमित शाह ने जनगणना अधिसूचना जारी होने से ठीक एक दिन पहले वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जनगणना की तैयारियों की समीक्षा बैठक की थी. इसमें केंद्रीय गृह सचिव, जनगणना आयुक्त और रजिस्ट्रार जनरल भी मौजूद थे. यह बैठक इस बात का संकेत है कि सरकार इस बार की जनगणना को बेहद संगठित और पारदर्शी बनाना चाहती है.

जनगणना के असर

जातिगत जानकारी मिलने से सरकार को योजनाएं बनाने में अधिक सटीकता मिलेगी. साथ ही शैक्षणिक, रोजगार और सामाजिक विकास की दिशा में नीतियों को जनहित में और अधिक केंद्रित किया जा सकेगा.

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