Premium Whisky India: भारत में बनी व्हिस्की अब सिर्फ घरेलू बाजार तक सीमित नहीं रही. दुनिया के कई देशों में भी इसकी मजबूत मांग देखने को मिल रही है. हाल ही में आई Drinks International की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि विश्व की टॉप 20 सबसे ज्यादा बिकने वाली व्हिस्की ब्रांड्स में से आधे से अधिक ब्रांड भारत के हैं. यह उपलब्धि न केवल भारतीय शराब उद्योग के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह बताती है कि भारतीय ब्रांड अब ग्लोबल लेवल पर भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं.
रिपोर्ट में किन ब्रांड्स का नाम शामिल?
Drinks International की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के जिन व्हिस्की ब्रांड्स को विश्व स्तर पर सबसे ज्यादा पसंद किया गया, उनमें प्रमुख नाम हैं:
रॉयल चैलेंज (Royal Challenge), मैकडॉवेल्स (McDowell’s), इंपीरियल ब्लू (Imperial Blue), ऑफिसर्स चॉइस (Officer’s Choice) और ब्लेंडर्स प्राइड (Blenders Pride).
साल 2023 में इन ब्रांड्स की वैश्विक बिक्री 1.6 मिलियन से ज्यादा केस रही, जो इस बात का प्रमाण है कि इनकी लोकप्रियता सीमाएं पार कर चुकी है.
ग्लोबल डिमांड के पीछे का कारण
भारतीय व्हिस्की की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग का मुख्य कारण है “प्रीमियमाइजेशन”. अब उपभोक्ता केवल सस्ती शराब नहीं, बल्कि बेहतर स्वाद और गुणवत्ता वाले उत्पादों की तलाश में हैं. यही कारण है कि भारतीय कंपनियों ने उत्पादों में इनोवेशन पर ध्यान देना शुरू किया है.
Amrut और Paul John जैसे सिंगल माल्ट ब्रांड्स ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कई अवार्ड्स जीते हैं, जिससे इनकी ग्लोबल पहचान और मजबूत हुई है. ये ब्रांड्स स्कॉच व्हिस्की और अन्य विदेशी ब्रांड्स को कड़ी टक्कर दे रहे हैं.
घरेलू बाजार में भी जबरदस्त पकड़
भारत में करीब 30 करोड़ लोग शराब का सेवन करते हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या व्हिस्की को प्राथमिकता देती है. भारतीय शराब बाजार में व्हिस्की का लगभग दो-तिहाई हिस्सा है, जो हर साल बढ़ता जा रहा है.
2024 में भारतीय अल्कोहलिक बेवरेज मार्केट में 2.2% की वृद्धि दर्ज की गई, और इसका सबसे बड़ा श्रेय प्रीमियम व्हिस्की ब्रांड्स को जाता है. लोग अब स्थानीय लेकिन क्वालिटी युक्त ब्रांड्स को चुनने लगे हैं.
चुनौतियां भी कम नहीं
हालांकि भारतीय व्हिस्की ब्रांड्स की सफलता उल्लेखनीय है, लेकिन इस क्षेत्र में कई चुनौतियां भी हैं:
उच्च कर दरें (High Taxation)
विदेशी ब्रांड्स से बढ़ती प्रतिस्पर्धा
आयात शुल्क (Import Duty) में बदलाव की आशंका
इन चुनौतियों के बावजूद, भारतीय कंपनियां स्थानीय उत्पादन, पैकेजिंग इनोवेशन और बाजार विस्तार जैसे रणनीतिक कदमों से अपना दबदबा कायम रखने की कोशिश कर रही हैं.
सिंगल माल्ट से ब्लेंडेड तक: भारत का व्हिस्की पोर्टफोलियो
अब भारतीय ब्रांड्स केवल ब्लेंडेड व्हिस्की तक सीमित नहीं हैं. Amrut, Paul John और Rampur जैसे सिंगल माल्ट ब्रांड्स यूके, यूएस, यूरोप और जापान जैसे बाजारों में भी पसंद किए जा रहे हैं.
इन ब्रांड्स की खासियत है – भारतीय जलवायु में रिफाइंड एजिंग प्रोसेस, विशेष अनाज, और अंतरराष्ट्रीय मानकों की पैकेजिंग. ये बातें विदेशी उपभोक्ताओं को आकर्षित करती हैं.
भविष्य की दिशा: निर्यात और डिजिटल ब्रांडिंग
भारतीय कंपनियां अब निर्यात (Export Expansion) पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं. इसके साथ ही सोशल मीडिया मार्केटिंग और डिजिटल ब्रांडिंग के ज़रिए भी ग्लोबल ऑडियंस तक अपनी पहुंच बना रही हैं.
साथ ही, “मेक इन इंडिया” अभियान और स्थानीय डिस्टिलरियों की मजबूती ने व्हिस्की सेक्टर को और अधिक आत्मनिर्भर बनाया है.