Bijli Surcharge Cut: राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं के लिए गर्मी की शुरुआत से पहले बड़ी राहत की खबर सामने आई है. अब बेस फ्यूल सरचार्ज (Base Fuel Surcharge) को 57 पैसे से घटाकर 28 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है. इससे बिजली बिल में सीधी कटौती होगी और लाखों उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत मिलेगी.
आरईआरसी का आदेश
राजस्थान विद्युत नियामक आयोग (RERC) ने यह आदेश टैरिफ वर्ष 2024-25 के लिए जारी किया है. आयोग ने 26 जुलाई 2024 को पारित आदेश में कहा है कि जब तक वास्तविक ईंधन अधिभार (Actual Fuel Surcharge) के आंकड़े नहीं आ जाते, तब तक 28 पैसे प्रति यूनिट की दर से फ्यूल सरचार्ज अस्थायी रूप से वसूला जाएगा.
उपभोक्ताओं को मिलेगा सीधा लाभ
इस निर्णय के अनुसार, सब्सिडी के पात्र उपभोक्ताओं को छोड़कर हर श्रेणी के उपभोक्ताओं से बेस फ्यूल सरचार्ज वसूला जाएगा. यह वसूली मई 2025 के बिजली बिलों से शुरू होगी और पूरे वर्ष जारी रहेगी. आयोग ने 10 करोड़ रुपये की औसत बिजली खरीद लागत को ध्यान में रखते हुए यह दर तय की है.
अब 100 यूनिट पर सिर्फ 28 रुपये का सरचार्ज
उदाहरण के लिए, अगर किसी उपभोक्ता की बिजली खपत 100 यूनिट है, तो पहले उन्हें 57 रुपये अतिरिक्त सरचार्ज देना होता था. अब यह घटकर 28 रुपये रह गया है, यानी सीधे 29 रुपये की बचत होगी. बड़े उपभोक्ताओं को तो सैकड़ों से हजारों रुपये की राहत मिल सकती है.
चौथी तिमाही पर कोई आदेश नहीं
यह ध्यान देने वाली बात है कि आयोग ने 25 जनवरी से 25 मार्च की चौथी तिमाही के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया है. फिलहाल जो सरचार्ज निर्धारित किया गया है, वह पिछले वित्तीय वर्ष के औसत ईंधन अधिभार के आधार पर लगाया जा रहा है. जैसे ही नए आंकड़े सामने आएंगे, रेट की समीक्षा की जाएगी.
टैरिफ याचिकाओं पर यह रहा आयोग का रुख
राज्य के तीनों डिस्कॉम (DISCOMs) ने टैरिफ याचिकाएं दायर की थीं, जिन पर विचार करते हुए RERC ने यह अंतरिम आदेश दिया है. आयोग का मानना है कि वर्तमान ईंधन लागत और बिजली उत्पादन की लागत को संतुलित करते हुए यह निर्णय उपयुक्त है.
उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा कम बोझ
फ्यूल सरचार्ज में की गई यह कटौती उन लाखों उपभोक्ताओं के लिए राहत है जो पहले से ही बढ़ती महंगाई और ऊर्जा खर्च से जूझ रहे हैं. इसका असर घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं सभी पर पड़ेगा और उनकी मासिक बिजली लागत घटेगी.
आगे क्या?
हालांकि यह अस्थायी आदेश है, लेकिन अगर भविष्य में ईंधन लागत स्थिर रहती है, तो यह दर स्थायी भी की जा सकती है. सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि बिजली आपूर्ति स्थिर और किफायती बनी रहे, जिससे आम जनता को राहत मिलती रहे.