Monsoon Update: इस साल देश में मॉनसून 24 मई को समय से पहले पहुंच गया, लेकिन कुछ ही दिनों बाद इसकी रफ्तार धीमी पड़ गई. 26 मई के बाद मॉनसून की प्रगति रुक गई, जिससे कई राज्यों में गर्मी से बेहाल लोगों को बारिश के लिए इंतजार करना पड़ा. अब मौसम विभाग ने राहत भरी खबर दी है – मॉनसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है और अब तेज़ी से आगे बढ़ रहा है.
दिल्ली, यूपी और बिहार में जल्द पहुंचेगा मॉनसून
मौसम विभाग के ताज़ा अनुमान के अनुसार, अगले दो दिनों में मॉनसून उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में दस्तक दे सकता है. वहीं, राजधानी दिल्ली में हफ्ते के अंत तक मानसून के पहुंचने की संभावना जताई गई है. प्री-मॉनसून बारिश की कुछ बूँदें इन राज्यों में पहले ही लोगों को राहत दे चुकी हैं, लेकिन अब मुख्य मॉनसून का इंतजार खत्म होने वाला है.
मध्य भारत में तेजी से बढ़ रहा है मानसून
इस समय मॉनसून गुजरात के वड़ोदरा और मध्य प्रदेश के खरगौन तक पहुंच चुका है. इसके अलावा महाराष्ट्र के विदर्भ, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में भी इसकी पहुँच हो चुकी है. मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले 48 घंटों में मॉनसून इन राज्यों के शेष हिस्सों के साथ-साथ उत्तर भारत के प्रमुख राज्यों में भी प्रवेश कर जाएगा.
मॉनसून की देरी से जून के पहले 12 दिन सूखे जैसे हालात
24 मई को मॉनसून के आगमन के बाद उम्मीद थी कि पूरे देश में सामान्य समय पर बारिश शुरू हो जाएगी, लेकिन 26 मई के बाद मॉनसून की गति धीमी हो गई. इससे जून के पहले पखवाड़े में 12 दिन तक सामान्य से कम बारिश हुई, जिससे किसानों और आम जनता को गर्मी और सूखे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा.
जल्द राजस्थान, हरियाणा और हिमाचल पहुंचेगा मॉनसून
अब मौसम विभाग का अनुमान है कि राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी हफ्ते के अंत तक बारिश शुरू हो सकती है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में 21 से 23 जून के बीच और पंजाब में 30 जून तक मॉनसून के पहुंचने की संभावना है. ये राज्यों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि गर्मी के साथ-साथ खेती की तैयारी भी बारिश पर निर्भर करती है.
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बन रहे हैं साइक्लोनिक सिस्टम
मॉनसून की सक्रियता के पीछे अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बन रहे दो अलग-अलग साइक्लोिनिक सर्कुलेशन बड़ी वजह हैं. महाराष्ट्र तट पर बना सिस्टम गुजरात की ओर बढ़ रहा है, जबकि बंगाल की खाड़ी का सिस्टम पश्चिम दिशा की ओर बढ़ते हुए ओडिशा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश होते हुए राजस्थान तक जाएगा. इस वजह से आने वाले दिनों में इन राज्यों में बारिश की संभावना और बढ़ गई है.
किसानों और आम जनता को मिलेगी बड़ी राहत
बारिश की देरी से खेती-किसानी पर असर पड़ने की चिंता बढ़ रही थी. लेकिन अब मौसम विभाग की रिपोर्ट ने किसानों को राहत दी है. जैसे ही मॉनसून पूरे क्षेत्र में फैलता है, धान की बुवाई और अन्य खरीफ फसलों की शुरुआत हो सकेगी. साथ ही, शहरी इलाकों में गर्मी से झुलस रहे लोगों को भी ठंडी फुहारों से राहत मिलेगी.
मॉनसून की देरी के पीछे की वजह
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार मॉनसून की गति में कमी की एक बड़ी वजह अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में एक साथ दो सिस्टम बनना है, जिससे दबाव का संतुलन बिगड़ गया था. लेकिन अब जब दोनों सिस्टम फिर से संतुलित हो रहे हैं, तो मॉनसून ने एक बार फिर अपनी रफ्तार पकड़ ली है.