महिलाओं और ग्रामीण मरीजों को राहत, सरकार लाएगी फ्री एक्स-रे वाउचर योजना Free X-Ray Scheme

Free X-Ray Scheme: राजस्थान सरकार राज्य में आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए लगातार नई योजनाएं बना रही है. इसी कड़ी में अब सरकार एक नई पहल करने जा रही है, जिसके तहत राज्य के मरीजों को एक्स-रे कराने के लिए फ्री वाउचर दिए जाएंगे. यह योजना उन इलाकों में खासतौर पर लागू होगी जहां सरकारी अस्पतालों में एक्स-रे की सुविधा उपलब्ध नहीं है.

204 CHC और 8 अस्पतालों में नहीं है एक्स-रे की सुविधा

राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा हाल ही में कराए गए सर्वे में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि 204 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) और 8 सैटेलाइट हॉस्पिटल ऐसे हैं, जहां एक्स-रे जैसी बुनियादी जांच सुविधा तक मौजूद नहीं है.

इन केंद्रों पर न तो एक्स-रे मशीनें हैं और न ही तकनीकी कर्मचारी या भवन की उपयुक्त व्यवस्था. इस कमी के कारण मरीजों को निजी लैब पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे उन्हें अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है.

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एक्स-रे न होना महिलाओं और गंभीर मरीजों के लिए खतरा

विशेषज्ञों का मानना है कि एक्स-रे जांच खासकर प्रसव, फेफड़ों की बीमारियों, फ्रैक्चर, छोटे ऑपरेशन और ट्रॉमा केसों में बेहद जरूरी होती है. जब सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा नहीं होती, तब मरीजों को मजबूरी में प्राइवेट सेंटर जाकर पैसा खर्च करना पड़ता है. खासकर गरीब और ग्रामीण वर्ग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होता है.

प्राइवेट सेंटर पर वाउचर के जरिए फ्री एक्स-रे की योजना

राज्य सरकार अब एक ऐसी योजना पर काम कर रही है, जिसमें मरीजों को ‘फ्री वाउचर’ के जरिए निजी सेंटर पर एक्स-रे कराने की सुविधा मिलेगी. यह मॉडल पहले से गर्भवती महिलाओं के लिए सोनोग्राफी जांच में अपनाया जा चुका है. यदि किसी सरकारी अस्पताल में सोनोग्राफी सुविधा नहीं होती, तो महिला को वाउचर दिया जाता है और वह निजी सेंटर में बिना पैसे दिए जांच करवा सकती है.

एक्स-रे के लिए भी सोनोग्राफी जैसा मॉडल

अब स्वास्थ्य विभाग एक्स-रे के लिए भी इसी तरह का वाउचर मॉडल लाने की तैयारी में है. विभाग का मानना है कि अगर एक निजी सेंटर सिर्फ एक कमरे में एक्स-रे जैसी सुविधा दे सकता है, तो सीएचसी स्तर पर यह सेवा क्यों नहीं दी जा सकती.
इस योजना से राजस्थान के ग्रामीण, पिछड़े और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को बहुत राहत मिलेगी, जो आज भी जांच के लिए लंबी दूरी तय करते हैं.

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गुणवत्ता और पहुंच दोनों बढ़ेगी

इस योजना के लागू होने से न केवल मरीजों को राहत मिलेगी बल्कि इससे स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा. सरकारी अस्पतालों की तकनीकी और संसाधन संबंधी कमजोरियों को यह योजना कम करेगी और लोगों को समय पर सही इलाज मिल सकेगा.

योजना की सफलता के लिए जरूरी है पारदर्शिता

  • विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना को सफल बनाने के लिए कड़ाई से मॉनिटरिंग और पारदर्शिता बेहद जरूरी होगी. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वाउचर सही मरीज को मिले और निजी लैब निर्धारित मानकों के अनुसार जांच करें.
  • अगर यह योजना ठीक से लागू होती है, तो यह राजस्थान के हेल्थ सिस्टम के लिए एक बड़ा सुधारात्मक कदम साबित हो सकता है.

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