Delhi Weather Update: राजधानी दिल्ली में गर्मी की तीव्रता थोड़ी थमी जरूर है, लेकिन उमस ने परेशानी बढ़ा दी है. बुधवार को तापमान सामान्य से कम दर्ज किया गया और अब मौसम विभाग ने गुरुवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. साथ ही 20 से 23 जून के बीच मानसून की संभावित दस्तक की भी बात कही गई है, जिससे दिल्लीवासियों को गर्मी से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.
तापमान में गिरावट, लेकिन उमस ने किया परेशान
बुधवार को राजधानी में तेज धूप और बीच-बीच में बादलों की लुकाछिपी जारी रही. हालांकि, न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस रहा जो कि सामान्य से 3.3 डिग्री कम है. वहीं, अधिकतम तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 4.6 डिग्री कम रहा. लेकिन हवा में नमी का स्तर 100% से 65% तक बना रहा, जिससे उमस बनी रही.
गुरुवार को येलो अलर्ट, तेज हवाओं के साथ बारिश की चेतावनी
भारत मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि गुरुवार को आसमान में बादल छाए रह सकते हैं और 40 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं. इसके साथ ही गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है. अधिकतम तापमान 36 और न्यूनतम 25 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है.
24 जून तक बारिश का दौर जारी रह सकता है
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 24 जून तक हर दिन तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना है. इससे तापमान लगातार 40 डिग्री से नीचे बना रहेगा, जो गर्मी से राहत का संकेत है.
स्काईमेट वेदर का पूर्वानुमान
स्काईमेट वेदर ने संकेत दिए हैं कि जिस गति से मानसून उत्तर भारत की ओर बढ़ रहा है, वह 20 से 23 जून के बीच कभी भी दिल्ली पहुंच सकता है. जबकि दिल्ली में मानसून के पहुंचने की आधिकारिक तिथि 27 जून मानी जाती है, इस साल इसके पहले पहुंचने की प्रबल संभावना जताई गई है.
16 साल में चौथी बार तय तिथि से पहले मानसून
अगर स्काईमेट का अनुमान सही साबित होता है, तो यह 16 साल में चौथी बार होगा जब मानसून तय तिथि से पहले दिल्ली पहुंचेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार मानसून सामान्य या उससे अधिक वर्षा ला सकता है, जो दिल्ली-एनसीआर में जल संकट को कुछ हद तक कम कर सकता है.
बारिश के क्या हो सकते हैं लाभ?
- तापमान में गिरावट और उमस में राहत
- कृषि और बागवानी गतिविधियों को फायदा
- वायु गुणवत्ता (Air Quality) में सुधार
पेयजल स्रोतों में भराव में बढ़ोतरी
हालांकि, भारी वर्षा की स्थिति में जलभराव, ट्रैफिक जाम और पेड़ गिरने जैसी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं. इसके लिए नगर निगम और प्रशासन को तैयार रहने की जरूरत है.
मानसून के पूर्व संकेतों पर क्या कहता है इतिहास?
पिछले वर्षों के आंकड़ों को देखें तो दिल्ली में मानसून कई बार समय से पहले दस्तक दे चुका है. 2008, 2013 और 2018 में भी ऐसा देखा गया था. मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते मानसून की चाल में भी बदलाव देखने को मिल रहा है.
नागरिकों के लिए सलाह
- बारिश के दौरान बिजली उपकरणों और मोबाइल चार्जिंग से सावधानी बरतें.
- छतों की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था पहले ही कर लें.
- यात्रा से पहले मौसम अपडेट चेक करें और तेज बारिश के समय बाहर निकलने से बचें.