यूपी के 28 गांवों से होकर बनेगा नया हाइवे, किसानों की तरफ से मिली हरी झंडी New Highway

New Highway: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से हरियाणा सीमा तक बनने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 334D इन दिनों भूमि अधिग्रहण और किसानों की मुआवज़े संबंधी मांगों को लेकर सुर्खियों में है. इस 83 किलोमीटर लंबे हाईवे के लिए खैर तहसील के 28 गांवों की ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है. हालांकि, अधिकांश किसानों ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है, लेकिन मुआवज़े की उचित दर और सर्किल रेट को लेकर अब असहमति तेज़ हो गई है.

किन गांवों की जमीन आएगी परियोजना के दायरे में?

उसराह, अर्राना, लक्ष्मणगढ़ी, चौधना, ऐंचना, किरतपुर, जरारा, बांकनेर और हमीदपुर जैसे गांव इस राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के दायरे में आ रहे हैं. इन क्षेत्रों के कुछ किसानों ने जहां भविष्य के विकास की उम्मीद के साथ जमीन देने की रजामंदी दी है, वहीं कई गांवों ने विरोध दर्ज कराते हुए सर्किल रेट बढ़ाने की मांग की है.

विरोध के स्वर तेज, कई गांवों ने किया इंकार

बांकनेर, ऐंचना, उसराह और चौधना गांवों के किसानों ने भूमि अधिग्रहण के मौजूदा प्रस्ताव का विरोध किया है. इनका कहना है कि जमीन की असली कीमत की तुलना में सर्किल रेट बेहद कम है. सरकार जिस दर पर मुआवज़ा दे रही है, वह बाजार मूल्य से मेल नहीं खाती. किसानों का आरोप है कि सड़क किनारे की जमीन की कीमत कई गुना ज्यादा है, लेकिन मुआवज़े की गणना पुराने मानकों पर की जा रही है.

यह भी पढ़े:
बिजली-पानी की शिकायत का WhatsApp पर होगा निपटारा, मिनटों में मिलेगी पूरी अपडेट Electricity Water Whatsapp Group

प्रशासन और किसानों के बीच जारी है बातचीत

एसडीएम खैर सुमित सिंह ने बताया कि तहसीलदार को किसानों से लगातार संवाद बनाए रखने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जहां मुआवज़ा दरों को लेकर सहमति है, वहां अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है, जबकि विवादित मामलों की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी गई है. प्रशासन का दावा है कि किसानों की आजीविका पर असर न पड़े, इस दिशा में हर कदम फूंक-फूंककर रखा जा रहा है.

प्रस्ताव भेजा गया शासन को, स्वीकृति के बाद होगा कार्य शुरू

भूमि अधिग्रहण के विवाद को हल करने के लिए प्रशासन ने एक विस्तृत प्रस्ताव शासन को भेजा है. यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत होता है, तो जल्द ही इस राजमार्ग परियोजना का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. यह योजना क्षेत्र के विकास में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है.

स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने किया समर्थन

इस हाईवे प्रोजेक्ट को स्थानीय जनप्रतिनिधियों और आम जनता का समर्थन भी मिल रहा है. उन्हें उम्मीद है कि इस योजना से न सिर्फ यातायात सुगम होगा, बल्कि क्षेत्र में व्यापार, उद्योग और निवेश के अवसर भी बढ़ेंगे. लोगों का कहना है कि इस तरह की अधोसंरचनात्मक परियोजनाएं उनके गांवों को मुख्यधारा से जोड़ेंगी.

यह भी पढ़े:
शुक्रवार शाम को सोने चांदी में भारी गिरावट, जाने 14 और 18 कैरेट सोने की ताजा कीमत Sone Ka Rate

आत्मनिर्भर विकास की दिशा में मजबूत कदम

सरकार ने इसे आत्मनिर्भर और समावेशी विकास की दिशा में एक मजबूत शुरुआत बताया है. परियोजना के माध्यम से सरकार का उद्देश्य कनेक्टिविटी बढ़ाना, क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों को तेज़ करना और ग्रामीण क्षेत्रों को राष्ट्रीय विकास से जोड़ना है.

Leave a Comment

WhatsApp Group