IAS Teaching: हरियाणा सरकार ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अनोखी पहल की है. इसके तहत अब IAS और HCS अधिकारी प्रदेश के स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाएंगे और प्रेरित करेंगे. शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने सभी जिलाधिकारियों (DC) को पत्र लिखकर इस योजना की जानकारी दी है. इसमें निर्देश दिया गया है कि हर DC और HCS अधिकारी को कम से कम चार स्कूलों में जाकर क्लास लेनी होगी और बच्चों से बातचीत करनी होगी.
छात्रों के प्रदर्शन को बेहतर बनाना
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करना और उनका शैक्षणिक प्रदर्शन सुधारना. सरकार का मानना है कि जब प्रशासनिक अधिकारी खुद स्कूल में जाकर बच्चों से संवाद करेंगे, तो बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे जीवन में आगे बढ़ने के लिए अधिक प्रेरित महसूस करेंगे.
अधिकारियों को मिला स्कूलों का जिम्मा
शिक्षा मंत्री ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि प्रत्येक DC और HCS अधिकारी को 4-4 स्कूलों का दौरा करना होगा. वे वहां जाकर न केवल क्लास लेंगे, बल्कि बच्चों को लक्ष्य निर्धारण, मेहनत और सफलता के सूत्र भी बताएंगे. यह कार्य केवल औपचारिक नहीं होगा, बल्कि इसका असर बच्चों की सोच और पढ़ाई पर पड़ेगा.
स्कूल सुविधाओं का भी होगा मूल्यांकन
स्कूलों में अधिकारियों के दौरे के दौरान केवल प्रेरक भाषण ही नहीं होंगे, बल्कि वे वहां की सुविधाओं और आधारभूत ढांचे का मूल्यांकन भी करेंगे. इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक प्रोफॉर्मा तय किया है, जिसे भरकर अधिकारियों को विभाग को भेजना होगा. इससे स्कूलों में कमियों की पहचान कर उन्हें दूर किया जा सकेगा.
बच्चों में आत्मबल और नेतृत्व की भावना होगी विकसित
सरकार का मानना है कि जब बच्चे सीधे प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत करेंगे और उनकी जीवन यात्रा को सुनेंगे, तो वे आत्मबल, नेतृत्व क्षमता और मेहनत के महत्व को समझ पाएंगे. इससे उनकी सोच में बदलाव आएगा और वे अपने लक्ष्य को लेकर ज्यादा गंभीर होंगे.
शिक्षा मंत्री का निर्देश और संदेश
शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने सभी जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में लिखा है कि, “आप और आपके अधीनस्थ HCS अधिकारी निश्चित रूप से चार-चार स्कूलों में जाएं और वहां बच्चों से संवाद करें. उन्हें बताएं कि कैसे मेहनत और लक्ष्य तय करके जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है. आपकी बातें बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगी.”
यह पहल कितनी असरदार होगी?
हरियाणा सरकार की यह पहल शिक्षा में प्रशासनिक सहभागिता का एक बेहतरीन उदाहरण बन सकती है. आमतौर पर छात्र अधिकारियों को केवल आदेश देते या निर्णय लेते देखते हैं, लेकिन अब वे उन्हें सीधे क्लासरूम में मार्गदर्शन देते हुए देखेंगे. यह बच्चों में सकारात्मक बदलाव और विजन निर्माण की दिशा में अहम भूमिका निभा सकता है.