राजस्थान के इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, माउंट आबू में बारिश ने तोड़ा रिकॉर्ड Rajasthan Rain Alert

Rajasthan Rain Alert: राजस्थान में दक्षिण पश्चिम मानसून का प्रभाव तेज होता जा रहा है। राज्य के कई जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान जमकर बारिश हुई है, जिससे मौसम में ठंडक आ गई है। माउंट आबू में 180 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जो इस सीजन की अब तक की सबसे भारी बारिश मानी जा रही है।

माउंट आबू बना बारिश का केंद्र

माउंट आबू तहसील में बीते 24 घंटों में 181.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि मानसून ने अब पूरी तरह राज्य में दस्तक दे दी है। साथ ही, अन्य इलाकों में भी भारी से अति भारी वर्षा देखी गई है।

अन्य जिलों में बारिश का हाल

राजस्थान के भीलवाड़ा में 175 मिमी, कोटा में 44.9 मिमी, चित्तौड़गढ़ में 27 मिमी, जयपुर में 20.8 मिमी और सीकर में 13 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। इससे साफ है कि राज्य भर में मानसून की सक्रियता बनी हुई है।

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पूर्वी राजस्थान में जारी रहेगा बारिश का दौर

जयपुर मौसम केंद्र के मुताबिक, पूर्वी राजस्थान में 22 से 24 जून के बीच भारी से अति भारी बारिश की संभावना है। विशेष रूप से भरतपुर, कोटा और जयपुर संभाग के कई क्षेत्रों में मूसलधार वर्षा हो सकती है, जिसके कारण स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

पश्चिमी राजस्थान में भी बरसे बादल

हालांकि पूर्वी राजस्थान की तुलना में पश्चिमी राजस्थान में बारिश की तीव्रता थोड़ी कम रही, फिर भी कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दिनों में वहां भी बारिश की संभावना बनी हुई है।

मौसम विभाग ने किया अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने लोगों को अत्यधिक वर्षा के कारण जलभराव, नदियों का जलस्तर बढ़ने और यातायात प्रभावित होने की चेतावनी दी है। साथ ही किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसलों की सुरक्षा और खेतों में जलप्रबंधन को लेकर आवश्यक कदम उठाएं।

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बारिश से राहत भी और चुनौती भी

जहां एक ओर मानसून की इस सक्रियता ने लोगों को झुलसती गर्मी से राहत दी है, वहीं दूसरी ओर भारी बारिश से जलभराव, ट्रैफिक जाम और सड़क क्षति की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं। प्रशासन को सतर्क रहकर बारिश से संभावित नुकसान से निपटने की तैयारियों में जुटना होगा।

कृषि और जल संकट के लिए वरदान बनी बारिश

भारी बारिश के चलते जलस्तर में वृद्धि की संभावना है, जो आगामी खेती सीजन के लिए फायदेमंद सिद्ध हो सकती है। कई जिलों में पहले से जल संकट था, जिसे इस वर्षा ने काफी हद तक संतुलित कर दिया है।

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