Maruti Suzuki New Plant: हरियाणा के सोनीपत जिले में स्थित खरखौदा इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (IMT) अब तेजी से देश का अगला ऑटोमोबाइल हब बनने की ओर बढ़ रहा है. मारुति सुजुकी के मेगाप्लांट के बाद अब जापानी ऑटोमोबाइल कंपनी सुजुकी भी यहां अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराने जा रही है. कंपनी ने यहां 100 एकड़ जमीन पर टू-व्हीलर निर्माण संयंत्र स्थापित करने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है.
IMT खरखौदा में 100 एकड़ भूमि पर बनेगा प्लांट
सुजुकी मोटर्स ने पहले ही 100 एकड़ जमीन की खरीद पूरी कर ली है, जो IMT क्षेत्र में रणनीतिक रूप से स्थित है. कंपनी की योजना यहां एक अत्याधुनिक टू-व्हीलर वाहन निर्माण इकाई स्थापित करने की है, जिससे न केवल औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे.
भूमि पूजन की तैयारियों में जुटी कंपनी
सुजुकी ने भूमि पूजन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पहले चरण में भूमि समतलीकरण और सफाई का काम पूरा कर लिया गया है. अब बहुत जल्द शिलान्यास समारोह के साथ निर्माण कार्य को औपचारिक रूप से शुरू किया जाएगा. इसके लिए कंपनी और हरियाणा सरकार के अधिकारी मिलकर तेजी से काम कर रहे हैं.
मारुति के बाद दूसरा सबसे बड़ा निवेश
IMT खरखौदा में मारुति सुजुकी का प्लांट पहले से ही निर्माणाधीन है, जो लगभग 800 एकड़ भूमि में फैला है. इसके बाद अब सुजुकी का यह 100 एकड़ का निवेश दूसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल प्रोजेक्ट होगा. इसके अतिरिक्त यूनो मिंडा कंपनी भी यहां 95 एकड़ में अपना औद्योगिक प्लांट तैयार कर रही है.
हरियाणा को मिलेगा औद्योगिक बढ़ावा
इस क्षेत्र में लगातार हो रहे निवेशों से हरियाणा का औद्योगिक ढांचा और मजबूत होता जा रहा है. खरखौदा IMT को अब ‘ऑटोमोबाइल हब’ के रूप में देखा जा रहा है, जहां भविष्य में और भी कई दिग्गज कंपनियां अपने प्रोजेक्ट्स शुरू कर सकती हैं.
हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार
HSIIDC (हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) के एस्टेट अधिकारी नरेश रोहिल्ला ने बताया कि सुजुकी द्वारा जल्द भूमि पूजन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी, और निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट से हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा.
प्रदेश की तरक्की को मिलेगी मजबूती
सुजुकी का यह निवेश केवल एक प्लांट तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे जुड़े सप्लाई चेन, ट्रांसपोर्ट, पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसिंग और अन्य सहायक उद्योगों को भी गति मिलेगी. इससे हरियाणा का औद्योगिक, आर्थिक और सामाजिक विकास एक नई ऊंचाई तक पहुंच सकेगा.