Indian Railways bridge: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रेल नेटवर्क को और बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट अब अपने अंतिम चरण में है. यमुना नदी पर बन रहे नए रेलवे पुल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. उम्मीद की जा रही है कि मानसून के बाद इस नए पुल से ट्रेनें दौड़ने लगेंगी, जिससे न सिर्फ ट्रैफिक का दबाव कम होगा बल्कि रेलवे संचालन भी ज्यादा सुरक्षित और समयबद्ध हो सकेगा.
पुराने लोहे के पुल का बनेगा नया रेलवे ब्रिज
दिल्ली में यमुना नदी पर इस समय दो प्रमुख रेलवे पुल हैं. इनमें से सबसे पुराना रेलवे ब्रिज 1866 में ब्रिटिश हुकूमत द्वारा बनाया गया था, जिसे आमतौर पर लोहे का पुल कहा जाता है. यह पुल ऐतिहासिक महत्व का है और इसके ऊपर से ट्रेनें और नीचे से सड़क यातायात गुजरता है. हालांकि अब यह पुल अपनी तकनीकी उम्र पार कर चुका है और सुरक्षा कारणों से ट्रेनों की गति सिर्फ 10 किमी प्रति घंटा तय की गई है.
जलस्तर बढ़ते ही बंद होता है पुराना पुल
मानसून के दौरान जब यमुना नदी का जलस्तर बढ़ जाता है, तब इस पुराने पुल से ट्रेनों की आवाजाही को पूरी तरह से रोकना पड़ता है. इससे ट्रेनों को वैकल्पिक मार्गों पर डायवर्ट करना पड़ता है और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अतिरिक्त दबाव बनता है. इस वजह से यात्रियों को बार-बार देरी और रद्द की गई ट्रेनों की समस्या से जूझना पड़ता है.
नए पुल से मिलेगी बड़ी राहत
नया रेलवे पुल इन सभी समस्याओं का समाधान बनने जा रहा है. इस पुल पर ट्रेनों को 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा सकेगा और अधिक जलस्तर के बावजूद संचालन बंद नहीं करना पड़ेगा. इससे पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से निकलने वाली कई ट्रेनों को सीधा मार्ग मिलेगा, जिससे नई दिल्ली स्टेशन का ट्रैफिक लोड कम किया जा सकेगा. पूर्वांचल और बिहार की ओर जाने वाली ट्रेनों को खास लाभ होगा.
दो दशक से अधिक का लंबा इंतजार
इस नए रेलवे पुल की योजना को 1997-98 में मंजूरी मिली थी, जबकि निर्माण कार्य 2003 में शुरू हुआ. लेकिन इसे बार-बार रोकना पड़ा, क्योंकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और अन्य एजेंसियों से अनुमतियाँ लेने में कई साल लग गए. इसके अलावा डिजाइन बदलाव, तकनीकी अड़चनें और प्रशासनिक बाधाएं निर्माण में देरी की मुख्य वजह बनीं.
बार-बार बढ़ती रही समयसीमा
इस पुल को पहले 2016 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 2018, फिर 2020, और अंततः सितंबर 2023 कर दिया गया. अब रेलवे अधिकारियों का दावा है कि 2025 के मानसून के बाद इस पुल पर ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा.
दिल्ली को मिलेगा तीसरा रेलवे कनेक्शन यमुना पर
नया रेलवे पुल यमुना नदी पर तीसरा रेलवे ब्रिज होगा. पहला पुराना रेल रोड ब्रिज है, जो ट्रेन और सड़क यातायात दोनों के लिए उपयोग होता है, जबकि दूसरा पुल प्रगति मैदान के पास स्थित है. तीसरे पुल के शुरू होने से रेल संचालन की गति, लचीलापन और सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार होगा.
रेलवे के लिए रणनीतिक रूप से अहम परियोजना
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस नए पुल से ट्रेन डायवर्जन की आवश्यकता घटेगी, और बाढ़ जैसी आपात स्थितियों में भी संचालन प्रभावित नहीं होगा. यह पुल न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि दिल्ली-हावड़ा रूट पर ट्रैफिक संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होगा.