Electricity Rate Hike: हरियाणा में विपक्षी नेताओं द्वारा किए जा रहे बिजली बिल के चार गुना तक बढ़ने के दावों को ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने खारिज किया है. साथ ही दावा किया कि वर्ष 2014-15 के मुकाबले 94 प्रतिशत बिजली उपभोक्ताओं के मासिक बिलों में कमी आई है.
विपक्ष के बिजली बिल बढ़ोतरी के आरोपों पर विज का पलटवार
हरियाणा में बिजली दरों को लेकर उठ रहे राजनीतिक विवाद के बीच ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने विपक्ष के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिनमें कहा जा रहा था कि घरेलू बिजली बिल चार गुना तक बढ़ गए हैं. विज का दावा है कि 2014-15 की तुलना में आज 94 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल कम हुए हैं.
2 किलोवाट तक के कनेक्शन पर सबसे ज्यादा राहत
विज के अनुसार, दो किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं के मासिक बिजली बिल में 11 साल पहले की तुलना में 49 से 75 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है. इस श्रेणी के अंतर्गत आने वाले उपभोक्ताओं को बिलिंग दरों में वास्तविक लाभ मिला है.
घरेलू उपभोक्ताओं से हटाया गया न्यूनतम मासिक शुल्क (MMC)
राज्य सरकार ने सभी श्रेणियों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क (MMC) समाप्त कर दिया है. यह फैसला छोटे और मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत साबित हुआ है. लाइन लॉस को भी 29% से घटाकर 10% के स्तर पर लाया गया है, जिससे वितरण दक्षता में सुधार हुआ है.
किसानों के लिए बिजली दरें स्थिर
कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को पहले की तरह बेहद रियायती दर पर बिजली मिल रही है.
मीटर वाले कनेक्शन पर 10 पैसे प्रति यूनिट
- फ्लैट रेट पर 15 रुपये प्रति बीएचपी प्रति माह
- इनमें किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की गई है.
मीटर वाले कृषि कनेक्शन के लिए एमएमसी दर में संशोधन
मीटर आधारित कृषि कनेक्शन के लिए एमएमसी घटाकर 180 रुपये (15 बीएचपी तक) और 144 रुपये (15 बीएचपी से ऊपर) कर दिया गया है. इससे किसान वर्ग को सीधे तौर पर आर्थिक राहत मिलती है.
श्रेणी-वार बिजली बिलों में बदलाव
श्रेणी-I (2 किलोवाट तक, 100 यूनिट मासिक खपत)
बिलों में 49% से 75% तक कमी (2014-15 की तुलना में)
श्रेणी-II (5 किलोवाट तक)
बिलों में 3% से 9% तक की वृद्धि (पिछले वर्ष की तुलना में)
श्रेणी-III (5 किलोवाट से अधिक)
बिलों में 5% से 7% तक की वृद्धि, केवल 6% उपभोक्ता इस श्रेणी में आते हैं
फिक्स्ड चार्ज और स्लैब दरें यथावत
घरेलू श्रेणी के लिए फिक्स्ड चार्ज 75 रुपये प्रति किलोवाट और ऊर्जा स्लैब 7.50 रुपये प्रति यूनिट पर बनाए रखा गया है, जो पड़ोसी राज्यों की तुलना में कम है. अन्य राज्यों में फिक्स्ड चार्ज 110 रुपये प्रति किलोवाट और ऊर्जा दरें 8 रुपये यूनिट तक हैं.
एलटी और एचटी श्रेणियों में क्या हुआ बदलाव?
एलटी श्रेणी:
चार से सात प्रतिशत तक की बढ़ोतरी
पड़ोसी राज्यों की तुलना में हरियाणा में एलटी उपभोक्ताओं पर फिक्स्ड चार्ज केवल 75 रुपये, जबकि अन्य राज्यों में यह 450 रुपये तक है
एचटी श्रेणी
सात से दस प्रतिशत तक की मध्यम बढ़ोतरी
अन्य राज्यों की तुलना में यह वृद्धि कम और लोड-खपत के अनुसार नियंत्रित है
वित्तीय वर्ष 2024-25 बनाम 2014-15 में बिल कितना बढ़ा?
विज के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में मौजूदा वर्ष 2024-25 में घरेलू बिजली बिलों में औसत वृद्धि मात्र 9.6 प्रतिशत रही है, जबकि उपयोगकर्ताओं की संख्या और खपत दोनों में वृद्धि हुई है. यानी बिल बढ़ने का आरोप गलत और भ्रामक है.
पड़ोसी राज्यों से तुलना में हरियाणा में सस्ती बिजली
हरियाणा की बिजली दरों की तुलना पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से की जाए, तो हरियाणा में:
- कम फिक्स्ड चार्ज
- कम स्लैब रेट
- कम यूनिट रेट
- उच्च वितरण दक्षता
- ये सभी बिंदु उपभोक्ताओं के पक्ष में हैं और विपक्ष के आरोपों को निराधार ठहराते हैं.