Zoo Rain Water: हर बार की तरह इस बार भी मॉनसून की तेज बारिश के मद्देनज़र जू प्रशासन ने पहले से पूरी तैयारी कर ली है. खासकर हिरण और मृग प्रजातियों के लिए बनाए गए 7 बाड़ों में जलभराव की समस्या को रोकने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं. इस बार ज़ू में पंपिंग सिस्टम, जनरेटर, और बाड़ों की संरचना को नए सिरे से अपग्रेड किया गया है ताकि बारिश के दौरान वन्यजीवों को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
किन बाड़ों में होती है सबसे अधिक जलभराव की समस्या
मॉनसून के मौसम में चीतल, बारहसिंगा, कक्कड़ हिरण, काला मृग, सफेद मृग और शंघाई हिरण जैसे वन्यजीव अधिक प्रभावित होते हैं. ये सभी खुले स्थान पर रहना पसंद करते हैं, लेकिन उनके एरिना एरिया (जिसे दर्शकों को दिखाने के लिए खुला रखा जाता है) में हर साल पानी भर जाता है. जू में ऐसे 7 बाड़े हैं जहां यह समस्या लगातार देखी जाती रही है.
अपग्रेड हुआ पंपिंग सिस्टम, खरीदा गया नया सेटअप
इस बार जू प्रशासन ने सेंट्रल कंस्ट्रक्शन यूनिट (CCU) के चार बड़े पंपिंग सिस्टम को अपग्रेड कराया है. इसके साथ ही जू के दो मौजूदा सिस्टम के अलावा एक नया सिस्टम भी खरीदा गया है, जिससे किसी भी समय जलभराव की स्थिति से निपटा जा सकेगा. यह लगातार पानी निकालने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करेगा.
बाड़ों की छत पर भी किए गए खास इंतजाम
जू में मौजूद बंदरों और पक्षियों के बाड़ों की छतों पर फीडिंग प्लेटफॉर्म बने हैं. इन्हें प्रोफाइल शीट से कवर कर दिया गया है ताकि बरसात का पानी अंदर न घुसे. इस उपाय से इन बाड़ों में रहने वाले जीवों को सुरक्षित और सूखा वातावरण मिल सकेगा.
कृत्रिम नहर (मोठ) से गाद निकाली गई
बाड़ों के बीच बहने वाली कृत्रिम नहरों (मोठ) से गाद को पूरी तरह हटा दिया गया है, जिससे पानी का बहाव रुकता था और जलभराव होता था. साथ ही, जू में बनी सड़कों और बाड़ों के किनारे बने फुटपाथों की मरम्मत की गई है. जिन स्थानों पर फुटपाथ नहीं थे, वहां नए फुटपाथ बनाए गए हैं. यह सुधार एनिमल कीपर्स को रात के समय में आवाजाही में मदद करेगा.
CCU टीम 24×7 अलर्ट पर तैनात
जू प्रशासन ने मॉनसून में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए CCU की टीम को तीन शिफ्ट में 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात किया है. प्रत्येक शिफ्ट में दो कर्मी, जिनमें से एक इलेक्ट्रिक टेक्नीशियन होगा, हमेशा मौजूद रहेंगे. ये कर्मचारी बरसात के दौरान बिजली फॉल्ट जैसी समस्याओं से तत्काल निपटने के लिए प्रशिक्षित हैं.
विजिटर्स के लिए भी किया गया इंतजाम
जू में केवल जानवरों के लिए ही नहीं, बल्कि विजिटर्स की सुविधा का भी ध्यान रखा गया है. बारिश से बचाव के लिए कई रेन शेड्स की मरम्मत करवाई गई है ताकि दर्शक आराम से रुक सकें और भीगने से बच सकें. यह व्यवस्था विशेष रूप से मॉनसून में जू घूमने आने वाले परिवारों और बच्चों के लिए उपयोगी साबित होगी.
जू डायरेक्टर ने बताई योजना की वजह
जू के निदेशक डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि यह सारी तैयारियां विजिटर्स और वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई हैं. उनका कहना है कि हर साल मॉनसून में जलभराव की समस्या से न केवल जानवरों को दिक्कत होती है, बल्कि विजिटर्स की संख्या और अनुभव पर भी असर पड़ता है. ऐसे में यह पहल जू को अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.