भारत के 3 सबसे भरोसेमंद बैंक कौनसे है, इन बैंकों में सुरक्षित है आपका पैसा Secure Bank

Secure Bank: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के सबसे अहम और सुरक्षित बैंकों की ताज़ा सूची जारी की है. इस सूची को डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट बैंक (D-SIBs) कहा जाता है. सरल शब्दों में कहें तो ये वे बैंक हैं जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए इतने ज़रूरी हैं कि अगर इनमें कोई संकट आता है तो उसका असर पूरे बैंकिंग सिस्टम पर पड़ता है. यही वजह है कि इन बैंकों को सरकार और RBI की तरफ से अतिरिक्त सुरक्षा और निगरानी मिलती है.

बैंकिंग सिस्टम की रीढ़

D-SIBs की लिस्ट में वे बैंक आते हैं जो इतने बड़े होते हैं कि उनका फेल होना देश की वित्तीय स्थिरता को हिला सकता है. इसलिए इन्हें ‘Too Big to Fail’ भी कहा जाता है. RBI हर साल इस सूची को अपडेट करता है, और इन बैंकों पर विशेष पूंजी भंडारण (Capital Buffer) बनाए रखने का नियम लागू करता है, जिससे संकट के समय भी ग्राहकों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित रह सके.

इन तीन बैंकों को मिला D-SIBs का दर्जा

RBI ने अपनी 2024 की समीक्षा में तीन बैंकों को D-SIBs की सूची में बरकरार रखा है. ये बैंक हैं:

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  • भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
  • एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)
  • आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)

SBI इस सूची में 2015 से, ICICI Bank 2016 से, और HDFC Bank 2017 से शामिल हैं. यह लगातार तीसरा साल है जब इन्हीं तीन बैंकों को देश के सबसे अहम बैंक के रूप में पहचाना गया है.

FD पर कम ब्याज, लेकिन सुरक्षा में सबसे आगे

हालांकि इन बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दर अन्य कुछ बैंकों की तुलना में थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन इनकी सुरक्षा और लंबी अवधि की स्थिरता उन्हें निवेश के लिए बेहद भरोसेमंद बनाती है. खासकर उन निवेशकों के लिए जो जोखिम से बचाव चाहते हैं, उनके लिए यह विकल्प उपयुक्त साबित हो सकता है.

कैसे तय होती है D-SIBs की लिस्ट?

RBI ने यह सूची 31 मार्च 2024 तक के आंकड़ों के आधार पर तैयार की है. इसमें बैंकों की संपत्ति, जोखिम प्रबंधन क्षमता और देश की वित्तीय प्रणाली में उनकी भूमिका जैसे पहलुओं को आधार बनाया गया है. इन बैंकों को Common Equity Tier 1 (CET1) के तहत अतिरिक्त पूंजी भंडारण रखना होता है ताकि ये संकट की स्थिति में ग्राहकों की सेवाएं बिना रुकावट जारी रख सकें.

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किस बकेट में कौन-सा बैंक?

RBI ने इन बैंकों को चार बकेट में बांटा है, जिनमें बकेट-4 सबसे अधिक जोखिम और महत्वपूर्ण बैंक को दर्शाता है.

  • SBI को बकेट-4 में रखा गया है और इसे 0.80% अतिरिक्त पूंजी बनाए रखनी होगी.
  • HDFC Bank को बकेट-2 में रखा गया है, इसे 0.40% पूंजी का भंडार रखना होगा.
  • ICICI Bank को बकेट-1 में रखा गया है और इसे 0.20% पूंजी संरक्षित रखनी होगी.
  • ये नए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे, जिससे इन बैंकों की वित्तीय मजबूती और अधिक पुख्ता हो जाएगी.

क्यों है D-SIBs का दर्जा खास?

जब भी कोई बैंक D-SIBs की सूची में आता है, तो वह बैंक सरकार की विशेष निगरानी और वित्तीय सुरक्षा के दायरे में आ जाता है. इसका अर्थ यह भी होता है कि अगर उस बैंक पर कोई संकट आता है, तो सरकार और RBI हरसंभव प्रयास करेंगे कि वह संकट न फैले और बैंक सामान्य रूप से काम करता रहे.

ग्राहकों को क्या फायदा?

इस लिस्ट में शामिल बैंकों में खाता खोलने या निवेश करने पर ग्राहक को यह विश्वास होता है कि उनका पैसा लंबे समय तक सुरक्षित रहेगा. अगर आप निवेश को लेकर कम जोखिम वाले विकल्प ढूंढ रहे हैं, तो इन बैंकों को चुनना एक सुरक्षित और स्थिर कदम हो सकता है.

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