भारत में बिना पेट्रोल डीजल के दौड़ेगी गाड़ियां, गडकरी ला रहे हैं गोबर-बांस से बनी हाइड्रोजन क्रांति Without Petrol Diesel Viechle

Without Petrol Diesel Viechle: भारत हर साल करीब 22 लाख करोड़ रुपये केवल कच्चे तेल के आयात पर खर्च करता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ पड़ता है और ऊर्जा सुरक्षा भी संकट में रहती है. लेकिन अब परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इस कहानी को बदलने की तैयारी में हैं. उनका लक्ष्य है कि भारत ऊर्जा का आयातक नहीं, बल्कि ऊर्जा का निर्यातक बने.

सरकार का फोकस

गडकरी का फोकस स्वदेशी, कम लागत वाला और पर्यावरण के अनुकूल फ्यूल सिस्टम तैयार करने पर है. इसके लिए वह गोबर, बांस और कचरे से ईंधन बनाने पर जोर दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में चार विकल्पीय ईंधन सिस्टम को बढ़ावा दिया जा रहा है –
ग्रीन हाइड्रोजन, इथेनॉल व फ्लेक्स-फ्यूल, कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG), और इसोब्यूटेनॉल डीजल मिक्स.

हाइड्रोजन ही है भविष्य, लेकिन लागत है बड़ी चुनौती

गडकरी ने स्पष्ट किया कि भारत का भविष्य ग्रीन हाइड्रोजन में है, जो सौर या पवन ऊर्जा से तैयार होता है. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती इसकी कीमत को आम जनता के लिए किफायती बनाना है. उन्होंने स्टार्टअप्स, वैज्ञानिकों और कंपनियों से आग्रह किया कि वे बांस, कचरा और जैविक अपशिष्ट से हाइड्रोजन बनाने के उपाय खोजें.

यह भी पढ़े:
छुट्टी के दिन काम करने वालो को बड़ी राहत, हरियाणा सरकार ने लिया बड़ा फैसला Govt Employee Leave

गडकरी के अनुसार, NTPC और कुछ निजी कंपनियां इस दिशा में पहले ही सफल प्रयोग कर रही हैं.

इथेनॉल और फ्लेक्स-फ्यूल से पेट्रोल पर निर्भरता होगी कम

भारत में अब 20% इथेनॉल मिलाकर पेट्रोल बेचना अनिवार्य कर दिया गया है. इससे न सिर्फ तेल आयात पर खर्च कम होगा, बल्कि प्रदूषण भी घटेगा. गडकरी ने बताया कि जल्द ही फ्लेक्स-फ्यूल हाइब्रिड कारें, जैसे कि टोयोटा इनोवा हायक्रॉस का प्रोटोटाइप आम जनता के लिए उपलब्ध होगा.

बायोगैस से गांवों में क्रांति और किसानों को आमदनी

सरकार की योजना के तहत कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG) को ग्रामीण क्षेत्रों में ईंधन के विकल्प के रूप में विकसित किया जाएगा. इससे न सिर्फ गांवों में स्वच्छ ऊर्जा का प्रसार होगा बल्कि किसानों को गोबर और कृषि अपशिष्ट के बदले आमदनी भी होगी. इससे रोजगार और स्वस्थ पर्यावरण दोनों को बढ़ावा मिलेगा.

यह भी पढ़े:
जुलाई में लगातार 3 दिन बैंक रहेंगे बंद, RBI ने जारी की छुट्टियों की लिस्ट July Bank Holiday

इसोब्यूटेनॉल डीजल मिक्स

सरकार की रणनीति में इसोब्यूटेनॉल डीजल मिक्स को भी अहम स्थान दिया गया है. इस ईंधन का उपयोग करने से पारंपरिक डीजल की खपत में कमी आएगी और ट्रांसपोर्ट सेक्टर हरित ईंधन की ओर तेजी से बढ़ेगा.

भारत बनेगा ऑटोमोबाइल सेक्टर का वैश्विक नेता

गडकरी ने कहा कि भारत का ऑटो सेक्टर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन चुका है. अगले पांच वर्षों में इसे नंबर-वन बनाने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए देश की ऑटो कंपनियां हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक, इथेनॉल और हाइब्रिड वाहनों पर तेज़ी से निवेश कर रही हैं.

हाइड्रोजन ट्रकों और हरित वाहनों की ओर भारत का सफर

सरकार ने हाल ही में 27 हाइड्रोजन ट्रकों का ट्रायल शुरू किया है, जो देशभर के प्रमुख हाईवे रूट्स पर चलाए जा रहे हैं. इसके अलावा ईंधन सेल टेक्नोलॉजी और H2-ICE (Hydrogen Internal Combustion Engine) का इस्तेमाल भी हो रहा है. इन ट्रकों के लिए देश में 9 जगह हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग स्टेशन भी बनाए गए हैं.

यह भी पढ़े:
पेट्रोल पंप पर तेल की जगह ना भर दे हवा, इस तरीके से हो रहा है तेल में फ्रॉड Petrol Pump Fraud

Leave a Comment

WhatsApp Group