Railway Ticket Fraud: रेल यात्रा के दौरान टिकट की जांच में फर्जीवाड़े के एक चौंकाने वाले मामले का खुलासा हुआ है. विंध्याचल एक्सप्रेस में जांच के दौरान तीन यात्रियों को प्लेटफॉर्म टिकट पर यात्रा करते हुए पकड़ा गया.
हैरान करने वाली बात यह रही कि इस टिकट पर हाथ से यात्रा विवरण लिखा गया था. यात्री ने बताया कि उसने यह टिकट नरसिंहपुर स्टेशन पर टिकट खिड़की से खरीदा, और इसके लिए उससे ₹165 किराया वसूला गया था.
प्लेटफॉर्म टिकट पर लिखा गया था सफर का पूरा ब्यौरा
जांच के दौरान रेलवे फ्लाइंग स्क्वाड को ट्रेन में एक प्लेटफॉर्म टिकट पर तीन यात्री यात्रा करते मिले. उस टिकट पर हाथ से गंतव्य स्टेशन का कोड, तिथि, और ‘व्यस्क’ लिखा हुआ था, साथ ही एक हस्ताक्षर भी दर्ज था.
इस टिकट की कीमत केवल ₹10 होती है, लेकिन जांच में इसका इस्तेमाल एक वैध यात्रा टिकट के रूप में किया गया था, जो गंभीर अनियमितता की ओर इशारा करता है.
यात्री से लिए गए ₹165, लेकिन दिया गया ₹10 का टिकट
यात्रियों से पूछताछ में सामने आया कि उन्होंने यह टिकट नरसिंहपुर रेलवे स्टेशन की टिकट खिड़की से खरीदा था. वहां तैनात कर्मचारी ने ₹165 लेकर यह प्लेटफॉर्म टिकट उन्हें थमा दिया.
अब इस पूरे मामले में बुकिंग क्लर्क पर शक की सुई घूम रही है कि उसने जालसाजी कर किराया हड़प लिया और रेलवे को राजस्व का नुकसान पहुंचाया.
रेल विभाग ने शुरू की जांच, बुकिंग क्लर्क पर गिरी गाज
रेलवे मंडल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि अगर ये आरोप साबित होते हैं, तो बुकिंग क्लर्क पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है.
रेलवे के राजस्व की हानि और यात्रियों की सुरक्षा के साथ समझौते का यह मामला पूरे तंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहा है.
सिग्नल फेल होने से रुकी ट्रेनें
- गुरुवार की रात जबलपुर-कटनी रेलखंड पर अचानक सिग्नल फेल हो गया, जिससे विंध्याचल एक्सप्रेस, अमरकंटक एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों को रास्ते में रोकना पड़ा.
- सिहोरा स्टेशन के पास सिग्नल फेल होने के कारण विंध्याचल एक्सप्रेस को काफी देर तक पहले ही रोक दिया गया.
- रेलवे की तकनीकी टीम तुरंत सिग्नल की खराबी सुधारने में जुट गई, लेकिन इस प्रक्रिया में कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों लेट हो गईं.
कई ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक
- इस सिग्नल फेल्योर के कारण कटनी-जबलपुर रेलखंड के बीच ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर रोकना पड़ा.
- इस वजह से यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा. रानी कमलापति-अगरतला स्पेशल ट्रेन लगभग साढ़े तीन घंटे देर से मध्यरात्रि में स्टेशन पहुंची.
- वहीं, संतरागाछी-जबलपुर हमसफर एक्सप्रेस लगभग 10 घंटे की देरी से तड़के जबलपुर पहुंची.
स्पेशल ट्रेनें भी हुईं लेट
- गुरुवार को कई स्पेशल ट्रेनें अपने तय समय से देर से चलीं, जिससे यात्रियों की यात्रा योजनाओं पर असर पड़ा.
- रेलवे ने स्थिति पर काबू पाने के लिए अपनी तकनीकी टीम को मौके पर तैनात किया, लेकिन इस दौरान सैकड़ों यात्री प्लेटफॉर्म और ट्रेन के भीतर इंतजार करने को मजबूर रहे.