IMD Rain Alert: राजस्थान में मानसून की मेहरबानी ने गर्मी और उमस से राहत दिला दी है. राज्य के कई हिस्सों में झमाझम बारिश ने मौसम को सुहावना बना दिया है, हालांकि पश्चिमी राजस्थान में शनिवार को बारिश की कमी के चलते गर्मी ने फिर जोर पकड़ा.
शाम को बदला मौसम का मिज़ाज
शनिवार को दिनभर शुष्क मौसम और तेज धूप के बाद शाम होते-होते मौसम में अचानक बदलाव देखने को मिला. सीकर, अलवर, भरतपुर, करौली और धौलपुर जैसे जिलों में करीब एक इंच तक बारिश दर्ज की गई, जिससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली.
40 डिग्री के पार पहुंचा तापमान
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रदेश के कई इलाकों में दोपहर के समय तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया. मानसून के आगमन के बावजूद गर्म हवाओं और नमी के कारण लोगों को भारी उमस का सामना करना पड़ा.
अगले 4 दिन बारिश के नाम
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि अगले 4 दिन यानी 2 जुलाई से 6 जुलाई के बीच राजस्थान के कई जिलों में हल्की से लेकर भारी बारिश होने की संभावना है. विभाग ने इसको देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया है.
24 जिलों में येलो अलर्ट
रविवार को 24 जिलों में मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. अजमेर, जोधपुर, बीकानेर और उदयपुर संभाग के जिलों में दिनभर हल्की धूप और बादलों की आवाजाही बनी रही. वहीं, जयपुर, कोटा और भरतपुर संभाग के जिलों में शाम को बारिश हुई.
जैसलमेर में सबसे ज्यादा बारिश
जैसलमेर में शनिवार को सबसे अधिक 68.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो इस सीजन की बड़ी वर्षा मानी जा रही है. नीमकाथाना (सीकर) में 25 मिमी, डीग (भरतपुर) में 14 मिमी, और वेंजा (डूंगरपुर) में 15 मिमी वर्षा हुई.
2 जुलाई से तेज होगी बारिश
2 जुलाई के बाद राज्य के कुछ क्षेत्रों में तेज़ और भारी बारिश का अनुमान जताया गया है. खासकर कोटा, सवाई माधोपुर, जयपुर, उदयपुर और भरतपुर के इलाकों में अगले सप्ताह भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.
पश्चिमी राजस्थान में धीमी बारिश
पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, बाड़मेर और जैसलमेर में फिलहाल छिटपुट बारिश दर्ज की गई है. लेकिन 2 जुलाई के बाद यहां भी मूसलाधार बारिश की संभावनाएं जताई गई हैं, जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है.
तैयारी में जुटा प्रशासन
मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए जिला प्रशासन ने जलभराव, बिजली गिरने और तेज हवाओं को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
मानसून की रफ्तार पर नजर
बारिश की रफ्तार ने किसानों के चेहरों पर भी मुस्कान ला दी है, क्योंकि यह मानसून खरीफ फसलों के लिए लाभदायक माना जा रहा है. अगर बारिश इसी तरह बनी रही तो इस साल राज्य में खेती को लेकर बेहतर परिणाम सामने आ सकते हैं.