Haryana Rain Alert: हरियाणा में जून के मुकाबले जुलाई की शुरुआत भी मौसम की मार के साथ हुई है. करीब 30 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे प्रदेश के कई जिलों में सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. खासकर जब स्कूलों में एक महीने बाद फिर से कक्षाएं शुरू हुई हैं, तब अभिभावकों की चिंता और बढ़ गई है.
स्कूल खुले लेकिन मौसम बना बाधा
हरियाणा के सरकारी और निजी स्कूल एक महीने की ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के बाद सोमवार से दोबारा खुल गए हैं. लेकिन लगातार हो रही बारिश और आने वाले दिनों की चेतावनियों ने अभिभावकों और बच्चों की परेशानी बढ़ा दी है. मौसम विभाग ने 1 से 3 जुलाई तक तेज बारिश की भविष्यवाणी की है.
मौसम विभाग का पूर्वानुमान और चेतावनी
चंडीगढ़ मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले तीन दिन तक हरियाणा के सभी जिलों में भारी बारिश की संभावना है. खासतौर पर यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत और झज्जर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे जिलों में 1 से 6 जुलाई तक आंधी और बारिश का अनुमान है.
तापमान में भारी गिरावट
तेज बारिश के चलते तापमान में सामान्य से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट देखी गई है. उदाहरण के तौर पर, सिरसा में अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो सामान्य से 4.3 डिग्री कम है. पूरे हरियाणा में दिनभर बादल छाए रहने और रुक-रुक कर हो रही बारिश से ठंडक का एहसास हो रहा है.
मानसून की उत्तरी सीमा और बारिश का कारण
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के मुताबिक, मानसून की उत्तरी सीमा श्रीगंगानगर, दिल्ली, फतेहगढ़, सीधी, जमशेदपुर होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है. इस वजह से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी भरी हवाएं हरियाणा तक पहुंच रही हैं, जिससे प्रदेश में लगातार मौसम परिवर्तन हो रहा है.
जिलावार बारिश की संभावना
फरीदाबाद, गुरुग्राम, पलवल, मेवात, रेवाड़ी और झज्जर में 2 और 3 जुलाई को 75 से 100 प्रतिशत बारिश का अनुमान है.
- 4 जुलाई को मध्यम बारिश हो सकती है.
- गुरुग्राम में बारिश के बाद वायु गुणवत्ता (AQI) में सुधार देखा गया है.
स्कूल प्रशासन सतर्क, लेकिन चिंता बरकरार
स्कूलों के खुलने के साथ ही प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था की जिम्मेदारी उठाई है, लेकिन अभिभावकों की चिंता बनी हुई है कि तेज बारिश में बच्चों की स्कूल यात्रा कितनी सुरक्षित होगी. कई जगहों पर जलभराव और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है, जो बच्चों की आवाजाही को मुश्किल बना सकती है.