हरियाणा में अगले 2,3 दिन तक बारिश का अलर्ट, जाने मौसम विभाग की ताजा अपडेट Haryana Mausam Update

Haryana Mausam Update: हरियाणा में मानसून ने एक बार फिर जोरदार दस्तक दी है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) चंडीगढ़ केंद्र के अनुसार, 5 जुलाई तक राज्य के विभिन्न जिलों में भारी बारिश की संभावना है. खासतौर पर अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर में 50-75 प्रतिशत बारिश का पूर्वानुमान है, जबकि अन्य 19 जिलों में 25-50 प्रतिशत तक वर्षा हो सकती है.

1 जुलाई को कई जिलों में जमकर बरसे बादल

1 जुलाई को प्रदेश के भिवानी, गुरुग्राम, पानीपत, झज्जर, रेवाड़ी, जींद, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी और सोनीपत में अच्छी बारिश दर्ज की गई. बारिश के कारण कई स्थानों पर सड़कों पर पानी भर गया और जनजीवन प्रभावित हुआ.

अफसरों के निवास तक पहुंचा पानी

चरखी दादरी में DC मुनीश शर्मा और SP अर्श वर्मा के सरकारी निवास के बाहर भारी मात्रा में पानी भर गया, जो बाद में उनके घरों तक भी पहुंच गया. बारिश के साथ आए तेज तूफान ने एक किसान का टीन शेड उड़ा दिया, जिससे बाइक मलबे में दब गई.

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आने वाले तीन दिन कैसा रहेगा मौसम?

छह जिलों में भारी बारिश का अनुमानपंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत में 50-75 प्रतिशत बारिश हो सकती है, जबकि बाकी जिलों में 25-50 प्रतिशत तक वर्षा की संभावना है.

4 जुलाई

सिरसा, फतेहाबाद, पंचकूला, यमुनानगर, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी में 50-75 प्रतिशत बारिश हो सकती है. वहीं 13 जिलों – अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, पलवल, मेवात और फरीदाबाद में 25-50 प्रतिशत वर्षा का अनुमान है.

5 जुलाई

यमुनानगर, अंबाला, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी में फिर 50-75 प्रतिशत बारिश की चेतावनी जारी की गई है. 14 जिलों – पंचकूला, सिरसा, पलवल, मेवात, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, रोहतक, जींद, पानीपत, सोनीपत, करनाल, कैथल और कुरुक्षेत्र में 25-50 प्रतिशत बारिश हो सकती है.

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तापमान में गिरावट, लेकिन सिरसा रहा सबसे गर्म

हरियाणा में अधिकतम तापमान में मंगलवार को औसतन 0.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई. तापमान अब सामान्य से 5.2 डिग्री कम है. इसके बावजूद सिरसा राज्य का सबसे गर्म जिला रहा, जहां अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

फसलों के लिए जरूरी लेकिन सावधानी जरूरी

मानसून की बारिश किसानों के लिए संजीवनी मानी जाती है क्योंकि इससे धान, कपास और सब्जियों जैसी फसलों को लाभ मिलता है. लेकिन जब बारिश अपेक्षा से अधिक हो, तो यह जलभराव, फसल खराबी और लोगों के लिए संकट का कारण बन जाती है. पिछले दो दिनों की स्थिति को देखते हुए स्पष्ट है कि हरियाणा के कई जिलों में आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं.

प्रशासन और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत

मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन को तुरंत कदम उठाने होंगे ताकि जलभराव, बाढ़ और जान-माल के नुकसान को रोका जा सके. साथ ही लोगों को भी सतर्कता बरतने की जरूरत है, विशेषकर तेज बारिश और तूफान संभावित क्षेत्रों में.

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