Up Mausam Update: उत्तर प्रदेश में मानसून ने पूरी ताकत के साथ दस्तक दी है. बीते 24 घंटों में प्रदेश के कई जिलों में मूसलधार बारिश दर्ज की गई है, जिसने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी है, वहीं कई जगहों पर भारी जलजमाव और वज्रपात जैसी आफतें भी साथ लाई हैं.
लखीमपुर खीरी, बाराबंकी और वाराणसी जैसे जिलों में जोरदार बारिश हुई है. मौसम विभाग ने 2 जुलाई को ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और बिजली गिरने की चेतावनी भी दी है.
अगले 7 दिन और बढ़ेगी परेशानी
7 जुलाई तक बने रहेंगे खराब मौसम के हालात मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि 7 जुलाई तक बारिश का सिलसिला थमने वाला नहीं है. विशेष रूप से पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगातार गरज-चमक और बारिश होने की संभावना जताई गई है.
विभाग ने किसानों और आम लोगों को सतर्क रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी है.
इन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट
बुंदेलखंड और पूर्वांचल पर खतरे की घंटी 2 जुलाई को प्रयागराज, झांसी, ललितपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, बांदा, चित्रकूट, कौशांबी और महोबा जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका जताई गई है.
इसके अलावा फतेहपुर, चंदौली, सहारनपुर, बरेली, रामपुर, पीलीभीत और बहराइच में भी तेज बारिश के संकेत दिए गए हैं.
इन जिलों में गिर सकती है बिजली
वज्रपात से बचाव के लिए चेतावनी मौसम विभाग ने प्रयागराज, वाराणसी, सोनभद्र, कानपुर, रायबरेली, सहारनपुर, आगरा, इटावा, मुरादाबाद, झांसी, बलिया, श्रावस्ती और जालौन जिलों में वज्रपात की संभावना जताई है.
लोगों को हिदायत दी गई है कि खुले स्थानों, खेतों और पेड़ों के नीचे खड़े न हों, और सुरक्षित स्थानों पर रहें.
लखनऊ में जलभराव से बिगड़ी जनजीवन की व्यवस्था
नालों की सफाई न होने से सड़कें बनी तालाब राजधानी लखनऊ में सोमवार को हुई बारिश के बाद कई इलाके जलमग्न हो गए. अलीगंज, गोमतीनगर, इंदिरानगर, आलमबाग और चारबाग जैसे क्षेत्रों में सड़कों और घरों में पानी भर गया.
नालों की सफाई न होने के कारण जलनिकासी बाधित हो गई. सड़क धंसने और पेड़ गिरने की घटनाएं भी सामने आईं, जिससे ट्रैफिक और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ.
रिकॉर्ड बारिश ने बढ़ाई चिंताएं
खेतों में नमी, लेकिन नुकसान की भी आशंका पिछले 24 घंटे में कई जिलों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है.
- लखीमपुर खीरी में 212 मिमी
- बाराबंकी में 165 मिमी
- लखनऊ में 84 मिमी
- हालांकि इस बारिश ने खेती के लिए नमी जरूर दी है, लेकिन अत्यधिक पानी से फसलें खराब होने का डर भी बढ़ गया है.
किसानों और यात्रियों के लिए जरूरी सावधानी
- फसल की बुवाई न करें, अनावश्यक यात्रा से बचें मौसम विभाग और कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे अभी बुवाई कार्य स्थगित रखें और बारिश की तीव्रता कम होने के बाद ही खेतों में उतरें.
- यात्रियों को भी अनावश्यक यात्रा टालने, जलभराव वाले रास्तों से बचने और मौसम अपडेट देखते रहने की अपील की गई है.
मानसून की दस्तक ने बढ़ाई प्रशासन की चिंता
जलभराव से निपटने के लिए प्रशासन की सक्रियता जरूरी बारिश के इस दौर में प्रशासन की तैयारियों की पोल भी खुल रही है. जलभराव और अव्यवस्थित जलनिकासी ने यह साबित कर दिया है कि अभी भी कई क्षेत्रों में मॉनसून से निपटने की योजना अधूरी है.
जरूरी है कि नगर निगम और जिला प्रशासन त्वरित एक्शन लें और स्थानीय नागरिकों को राहत दिलाने के प्रयास तेज करें.