लगभग लोग नही जानते बैटरी में पानी डालने का सही तरीका, वरना बैटरी का बैकअप हो जाएगा बेहद कम Inverter Battery Water Tips

Inverter Battery Water Tips: बारिश में बिजली गई तो इन्वर्टर ही सहारा! लेकिन इन्वर्टर बैटरी में पानी डालते वक्त न करें ये 5 गलतियां बारिश का मौसम धीरे-धीरे दस्तक दे रहा है. कई जगहों पर तेज आंधी-तूफान और बरसात की वजह से बिजली आपूर्ति में रुकावट आ रही है. कुछ इलाकों में तो घंटों तक बिजली नहीं रहती, जिससे लोगों को खासा दिक्कत होती है.

ऐसे हालात में इन्वर्टर ही एकमात्र सहारा होता है, लेकिन यदि इन्वर्टर की बैटरी में सही तरीके से पानी नहीं डाला गया, तो यह खराब हो सकती है और बैकअप क्षमता भी कमजोर हो सकती है.

इन्वर्टर की बैटरी का सही रखरखाव जरूरी

जैसे हम फ्रिज, एसी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की देखरेख करते हैं, वैसे ही इन्वर्टर की बैटरी का भी समय-समय पर ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

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बैटरी को लंबे समय तक बेहतर बनाए रखने के लिए समय-समय पर डिस्टिल्ड या डीमिनरलाइज्ड पानी डालना जरूरी है. लेकिन बहुत से लोग इस प्रक्रिया में गलतियां कर बैठते हैं, जिससे बैटरी जल्दी खराब हो जाती है.

क्या है बैटरी में पानी डालने का सही तरीका?

बैटरी में पानी डालना जितना आसान लगता है, असल में उतना ही सावधानी भरा काम होता है. अगर यह गलत तरीके से किया गया, तो बैटरी जल्दी डिस्चार्ज होने लगेगी या पूरी तरह से खराब हो सकती है. इसलिए नीचे दी गई बातों को ध्यान से समझें.

  1. हमेशा डिस्टिल्ड या डीमिनरलाइज्ड पानी का ही करें इस्तेमाल

इन्वर्टर बैटरी में कभी भी नल का पानी या कोई दूसरा सामान्य पानी नहीं डालना चाहिए. ऐसे पानी में खनिज तत्व होते हैं, जो बैटरी प्लेट को नुकसान पहुंचा सकते हैं. हमेशा डिस्टिल्ड (Distilled) या डीमिनरलाइज्ड (De-mineralized) पानी का उपयोग करें.

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  1. पानी का लेवल जांचना जरूरी है

बैटरी में एक इंडिकेटर या मार्किंग होता है, जिससे यह पता चलता है कि कितना पानी डालना है.

ज्यादा पानी डालने पर एसिड का लेवल पतला हो जाता है, जिससे बैटरी की क्षमता कम हो जाती है. वहीं, कम पानी रहने से प्लेट सूख सकती है, जिससे बैटरी खराब हो सकती है.

साइड से पारदर्शी बैटरी बॉडी में लेवल देख सकते हैं.

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  1. ब्रांड की गाइडलाइंस का पालन करें

हर बैटरी निर्माता कंपनी अपने प्रोडक्ट के लिए अलग-अलग दिशा-निर्देश देती है. इसलिए जिस ब्रांड की बैटरी का आप इस्तेमाल कर रहे हैं, उसकी गाइडलाइन जरूर पढ़ें.

उसमें लिखा होता है कि कितने दिन के अंतराल पर पानी डालना है और कितना पानी डालना है.

  1. स्विंग हाइड्रोमीटर का करें उपयोग

अगर आप सही तरह से बैटरी की स्थिति जानना चाहते हैं, तो आप स्विंग हाइड्रोमीटर का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह बैटरी में एसिड की मात्रा और घनत्व को मापता है, जिससे यह जानना आसान होता है कि बैटरी में पानी डालना जरूरी है या नहीं.

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  1. कभी भी बड़े बर्तन से पानी न डालें

कई लोग गलती से बैटरी में बड़े जग या बाल्टी से पानी डालते हैं, जिससे पानी बाहर गिर सकता है और अगर वह वायरिंग या टर्मिनल पर चला गया तो करंट या स्पार्किंग का खतरा बढ़ जाता है.

इसलिए हमेशा छोटे मुंह वाली प्लास्टिक की बोतल या स्पेशल बैटरी फिलिंग बॉटल का ही प्रयोग करें.

  • इन गलतियों से बचें वरना बैकअप होगा कमजोर
  • कभी भी बैटरी ओवरफिल न करें
  • गलत पानी डालने से बैटरी की उम्र घटती है
  • बिना लेवल देखे पानी डालना विवेकहीन निर्णय होता है
  • समय पर पानी न डालने से प्लेट्स डैमेज हो सकती हैं

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