बारिश में पेट्रोल टंकी पानी गया तो होगी दिक्कत, ड्राइवरों के लिए सख्त चेतावनी जारी Water Petrol Tank

Water Petrol Tank: अगर आपकी गाड़ी बारिश में खुले में खड़ी रहती है, तो अब आपको और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि गाड़ी के पेट्रोल टैंक में एक-दो बूंद पानी भी घुस जाए तो 20 फीसदी तक पेट्रोल सीधे पानी में बदल सकता है. यह कोई रासायनिक गलती नहीं, बल्कि सरकारी नीति के तहत पेट्रोल में मिलाए जा रहे एथेनॉल (Ethanol) की खासियत है जो पानी के संपर्क में आने पर उसमें पूरी तरह घुल जाता है.

एथेनॉल का उपयोग क्यों हो रहा है?

भारत सरकार ने फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता घटाने और ईंधन के आयात को कम करने के उद्देश्य से पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिलाने की नीति लागू की है. फिलहाल यह मिश्रण स्तर 19.6% तक पहुंच चुका है, जिसे जल्द ही 20% के लक्ष्य तक ले जाने की योजना है.

एथेनॉल पानी में क्यों घुल जाता है?

इथेनॉल एक प्रकार का अल्कोहल होता है, जो पानी के संपर्क में आते ही एक समान मिश्रण बना लेता है. इसका कारण है हाइड्रोजन बॉन्डिंग, जिससे एथेनॉल और पानी के अणु आपस में घुल-मिल जाते हैं. इसलिए यदि पेट्रोल में पानी की कुछ बूंदें भी मिल जाएं, तो उसमें मौजूद एथेनॉल सीधे पानी में बदल जाता है.

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इंदौर पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की चेतावनी

इंदौर पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह वासु ने बताया कि उदाहरण के तौर पर अगर 100 लीटर पेट्रोल में 20% एथेनॉल है और उसमें पानी मिल जाए, तो 20 लीटर पेट्रोल की जगह अब पानी हो जाएगा. यानी 20% पेट्रोल का नुकसान सीधा-सीधा उपभोक्ता को झेलना पड़ेगा.

एथेनॉल मिलाने से होगी अरबों डॉलर की बचत

सरकार का अनुमान है कि पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाने से भारत को करीब 4 बिलियन डॉलर की विदेशी मुद्रा बचत होगी. जनवरी 2025 तक 20% मिश्रण का लक्ष्य रखा गया था, जिसे पेट्रोलियम मंत्रालय पहले ही लगभग हासिल कर चुका है. जनवरी में ही देशभर के पेट्रोल डिपो को 91.7 करोड़ लीटर इथेनॉल सप्लाई किया गया.

किन स्रोतों से बनाया जा रहा है एथेनॉल?

एथेनॉल एक बायोफ्यूल है, जिसे भारत में मुख्यतः गन्ना, मक्का और धान के अवशेष से तैयार किया जा रहा है. यह ईंधन के रूप में पारंपरिक पेट्रोल का विकल्प बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है और यह साफ, पारदर्शी और जल-मिश्रण योग्य होता है.

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रतलाम हादसे के बाद बढ़ी सतर्कता

हाल ही में रतलाम के एक पेट्रोल पंप से मुख्यमंत्री के काफिले की गाड़ियों में पानी मिला डीजल भरने का मामला सामने आया था. इसके बाद इथेनॉल मिश्रण की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर देशभर में चर्चा तेज हो गई है.

पेट्रोल पंप डीलरों का अलर्ट अभियान

अब इंदौर समेत पूरे प्रदेश के पेट्रोल डीलर अपने स्तर पर ग्राहकों को जागरूक करने का अभियान चला रहे हैं. पेट्रोल पंपों पर पोस्टर और सूचनाएं लगाई जा रही हैं, जिनमें बताया जा रहा है कि एथेनॉल पानी में घुलनशील होता है, इसलिए बारिश में सावधानी जरूरी है.

बारिश के मौसम में गाड़ी को कहां रखें?

वाहन चालकों को सलाह दी जा रही है कि:

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  • बारिश में गाड़ी खुले में खड़ी न करें
  • फ्यूल टैंक की समय-समय पर जांच करें
  • इंजन में ओस, भाप या लीक से बचें
  • ऐसी छोटी सावधानियां भविष्य में बड़े नुकसान से बचा सकती हैं.

पेट्रोल पंप में लीकेज की जिम्मेदारी किसकी?

पेट्रोल पंपों की तकनीकी देखरेख और टैंक सिस्टम का रखरखाव संबंधित पेट्रोलियम कंपनी की जिम्मेदारी होती है, जिनसे डीलरशिप जुड़ी होती है. लीकेज, मेंटेनेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर की जांच समय-समय पर पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा की जाती है.

डीलरों ने कंपनियों से की अपील

अब डीलर्स बारिश के मौसम में तेल कंपनियों से अतिरिक्त सतर्कता बरतने की मांग कर रहे हैं, ताकि पेट्रोल-डीजल की गुणवत्ता और ग्राहक भरोसा दोनों बनाए रखा जा सके.

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