Haryana Roadways Strike: हरियाणा में रोडवेज यूनियनों का आंदोलन एक बार फिर तेज हो गया है. हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा और AI RTWF राज्य कमेटी ने झज्जर डिपो में एकजुट होकर ऐलान किया कि 9 जुलाई को कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल में शामिल होकर बसों का चक्का जाम करेंगे. यह निर्णय झज्जर में आयोजित गेट मीटिंग के दौरान लिया गया, जहां वरिष्ठ नेताओं ने कर्मचारियों की उपेक्षित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की.
राज्य नेताओं का आरोप– सरकार ने नहीं निभाया वादा
राज्य महासचिव सुमेर सिवाच, उप प्रधान जयकुंवार दहिया और ऑफिस सचिव सतबीर मुंढाल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कई बार रोडवेज के साझा मोर्चा और सरकार के बीच बातचीत हुई, जिसमें लगभग 10 से 12 मांगों पर सहमति बनी थी. लेकिन आज तक एक भी मांग को लेकर कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं किया गया, जिससे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है.
काले कानूनों को रद्द करने की भी उठी मांग
यूनियन नेताओं ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए चारों लेबर कोड बिल और हिट एंड रन कानून को ‘काले कानून’ बताते हुए इन्हें तत्काल रद्द करने की मांग की. इन कानूनों से न सिर्फ मजदूरों बल्कि ड्राइवरों को भी भविष्य में कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
ऑनलाइन ट्रांसफर नीति पर भी जताया विरोध
राज्य प्रधान नरेंद्र दिनोद ने कहा कि सरकार ने 5 मई 2024 को मैकेनिक, क्लर्क, निरीक्षक, उप निरीक्षक जैसे पदों पर ऑनलाइन ट्रांसफर नीति लागू की, जिसका कोई वित्तीय लाभ सरकार को नहीं हुआ. अब यही नीति चालक और परिचालकों पर भी लागू की जा रही है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष है. यूनियन की मांग है कि इस नीति को रद्द कर आपसी सहमति से स्थानांतरण की प्रक्रिया जारी रखी जाए.
मांगों की लंबी लिस्ट पर बनी थी सहमति
यूनियन ने जिन प्रमुख मांगों का उल्लेख किया, उनमें शामिल हैं:
- प्राइवेट इलेक्ट्रिक बसों को रोडवेज में शामिल करना
- परिचालकों का पे ग्रेड बढ़ाना
- 30 रात्रि ठहराव के भुगतान की पावर GM को देना
- 2004 से पहले लगे चालकों को नियुक्ति तिथि से पक्का करना
- पुरानी पेंशन योजना की बहाली
- साल में 33 अर्जित अवकाश पूर्व की तरह देना
- सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन देना
- इन सभी बिंदुओं पर पूर्व में सहमति बनी थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
एचकेआरएन से जुड़े कर्मचारियों को पक्का करने की मांग
बैठक में यह प्रस्ताव भी पास हुआ कि HKRN (हरियाणा कौशल रोजगार निगम) से जुड़े सभी कर्मचारियों को जल्द से जल्द स्थायी किया जाए, उनके बकाया वेतन का भुगतान किया जाए और भविष्य में स्थायी भर्तियों का रास्ता खोला जाए.
- 10 हजार नई बसें और वेतनमान को लेकर भी प्रस्ताव
साथ ही यूनियन ने यह प्रस्ताव पारित किया कि: - 10,000 सरकारी बसें रोडवेज विभाग में जोड़ी जाएं
- मोटर वाहन अधिनियम संशोधन बिल रद्द किया जाए
- चालक का वेतनमान ₹52,000 और परिचालक का ₹35,400 किया जाए
- इन मांगों को सरकार को प्रस्ताव के रूप में भेजा गया है, लेकिन कार्रवाई शून्य रही.
9 जुलाई की हड़ताल में बसों का चक्का जाम तय
अब यूनियन ने साफ तौर पर कह दिया है कि यदि सरकार तत्काल इन मांगों पर फैसला नहीं लेती, तो 9 जुलाई को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल में हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी भी शामिल होंगे और बसों का संचालन पूरी तरह से रोक दिया जाएगा.
कर्मचारी एकजुट, आंदोलन को बना रहे मजबूत
इस बैठक में जयकुंवार, जितेंद्र लाकड़ा, रामकरण हुड्डा, विजय माजरा, सतबीर मुंढाल, नवीन माजरा, रविंद्र, दलजीत और विक्रम सहित कई नेता शामिल रहे. सभी ने एकमत से हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया और कहा कि अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी.