भारत में BH सीरिज नंबर प्लेट कैसे मिलता है, फायदे जानकर तो आप भी करेंगे वाहवाही BH Number Plate

BH Number Plate: भारत सरकार ने वर्ष 2021 में BH सीरीज़ नंबर प्लेट (भारत शृंखला पंजीकरण) की शुरुआत की थी, जिसका मकसद देशभर में स्थानांतरित होने वाले कर्मचारियों के लिए वाहन पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाना था. यह खासकर केंद्र/राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र, रक्षा और मल्टी-स्टेट निजी कंपनियों के कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है.

BH सीरीज़ प्लेट वाले वाहन मालिकों को किसी नए राज्य में जाने के बाद वाहन का दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराना पड़ता, जिससे समय और खर्च दोनों की बचत होती है.

BH सीरीज़ नंबर प्लेट की पात्रता क्या है?

हर कोई BH सीरीज़ प्लेट नहीं ले सकता. यह सुविधा केवल कुछ विशेष श्रेणियों के लिए निर्धारित है:

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  • केंद्र सरकार या राज्य सरकार के कर्मचारी
  • सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) के कर्मचारी

रक्षा सेवाओं से जुड़े व्यक्ति

  • ऐसी निजी कंपनियों के कर्मचारी जिनके कार्यालय कम से कम चार राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित हों
  • सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के अनुसार, यह एक स्वैच्छिक सुविधा है, जो पात्र कर्मचारियों के लिए है.

BH सीरीज़ नंबर प्लेट के लिए आवेदन कैसे करें?

यदि आप नया वाहन खरीद रहे हैं और BH सीरीज़ नंबर प्लेट चाहते हैं, तो आपको नीचे दिए गए प्रक्रिया का पालन करना होगा:

  • फॉर्म 60 भरें (यह BH सीरीज़ के लिए आवेदन हेतु आवश्यक है)
  • रोज़गार प्रमाण पत्र और सरकारी पहचान पत्र (ID Proof) ऑनलाइन जमा करें
  • दस्तावेज़ों की सरकारी सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको BH सीरीज़ नंबर दिया जाएगा
  • रजिस्ट्रेशन नंबर पूरी तरह से रैंडम तरीके से आवंटित किया जाता है

BH नंबर प्लेट की लागत और टैक्स संरचना

  • BH सीरीज़ रजिस्टर्ड वाहन के लिए टैक्स प्रणाली भी अलग है:
  • मोटर वाहन कर (Road Tax) 2 साल या उसके गुणक में लगाया जाता है (जैसे 2, 4, 6 वर्ष)
  • 14 वर्ष के बाद, हर साल वाहन कर देना होगा, लेकिन यह पहले दिए गए कर का केवल आधा होगा
  • इससे उन लोगों को राहत मिलती है, जो कुछ वर्षों में ही अपना राज्य या स्थानांतरण बदलते रहते हैं.

क्या BH नंबर प्लेट वाला वाहन बेचा जा सकता है?

हां, BH सीरीज़ नंबर प्लेट वाले वाहन को किसी को भी बेचा या ट्रांसफर किया जा सकता है, चाहे नया मालिक BH सीरीज़ के लिए पात्र हो या नहीं.

लेकिन ध्यान दें:

यदि नया मालिक BH सीरीज़ के लिए योग्य नहीं है, तो उसे स्थानीय RTO में वाहन का दोबारा पंजीकरण कराना होगा

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  • साथ ही उसे राज्य के अनुसार कर और फीस भी देनी होगी
  • BH सीरीज़ नंबर प्लेट में क्या खास होता है?
  • BH नंबर प्लेट पर लिखा गया हर अक्षर या अंक किसी खास जानकारी को दर्शाता है:

भाग मतलब

  • पहले दो अंक पंजीकरण का वर्ष (जैसे 21, 22)
  • BH भारत (भारत शृंखला को दर्शाता है)
  • अगले चार अंक कंप्यूटर द्वारा रैंडम चुने गए
  • अंतिम अक्षर रैंडम वर्ण (I और O को छोड़कर)

उदाहरण: 21 BH 4567 Z

BH सीरीज़ क्यों है फायदेमंद?

  • राज्य बदलने पर दोबारा रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं
  • ऑनलाइन और आसान प्रक्रिया
  • कर्मचारियों को कर बचत
  • वाहन ट्रांसफर प्रक्रिया भी आसान

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