1182 करोड़ की लागत से बनकर नया एक्सप्रेसवे तैयार, 8 घंटे का सफर होगा 4 घंटे में पूरा Mumbai Nagpur Expressway

Mumbai Nagpur Expressway: मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे (समृद्धि महामार्ग) अब पूरी तरह से आम जनता के लिए खुलने जा रहा है. इसका अंतिम चरण, जो नासिक के इगतपुरी से ठाणे के अमाने तक फैला हुआ है, 5 जून 2025 को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा उद्घाटित किया जाएगा. इस हिस्से की कुल लंबाई 76 किलोमीटर है और इसके खुलने के साथ ही यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह चालू हो जाएगा.

701 किलोमीटर की यात्रा अब सिर्फ 8 घंटे में

मुंबई और नागपुर के बीच की दूरी को घटाने वाला यह एक्सप्रेसवे अब पूरी तरह से चालू हो जाएगा. इस 701 किलोमीटर लंबे महामार्ग से अब यात्रा में लगने वाला समय 16 घंटे से घटकर केवल 8 घंटे रह जाएगा. यह न केवल यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगा, बल्कि ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक सेक्टर में भी क्रांति लाएगा.

1182 करोड़ रुपये में बना अंतिम खंड

इस अंतिम हिस्से के निर्माण पर लगभग ₹1,182 करोड़ की लागत आई है. इस परियोजना को महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने संयुक्त रूप से फंड किया है. MSRDC के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल गायकवाड़ ने इस बात की पुष्टि की है कि कार्य पूरी तरह से पूरा हो चुका है.

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एक्सप्रेसवे की प्रमुख विशेषताएं

यह एक्सप्रेसवे मॉडर्न तकनीक और सुरक्षा मापदंडों से लैस है. इसकी प्रमुख खूबियों में शामिल हैं:

  • 150 किमी/घंटा की अधिकतम स्पीड सीमा
  • इगतपुरी, कुटघर (शाहपुर) और अमाने में बने तीन बड़े इंटरचेंज
  • कसारा घाट पर बनी 7.8 किमी लंबी सुरंग, जो भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग है
  • 33 बड़े पुल, 274 छोटे पुल, 65 फ्लाईओवर और 6 सुरंगें इस मार्ग को उत्कृष्ट बनाते हैं
  • यह मार्ग 10 जिलों और 390 गांवों से होकर गुजरता है

कसारा घाट की चढ़ाई से मिलेगी राहत

फिलहाल जो यात्री पुराने मुंबई-नासिक रोड से सफर करते हैं, उन्हें कसारा घाट की तीखी और घुमावदार सड़कों से होकर गुजरना पड़ता है, जिसमें लगभग 450 मीटर की चढ़ाई शामिल होती है. नई सुरंग के शुरू होने से अब यह सफर आसान और सुरक्षित हो जाएगा.

आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से बड़ी उपलब्धि

यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के लिए आर्थिक विकास का इंजन साबित हो सकता है. यह मुंबई के बंदरगाह से नागपुर के औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को जोड़ता है, जिससे व्यापारिक गतिविधियों को गति मिलेगी. साथ ही, यह महामार्ग नौकरी, निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के नए द्वार खोलेगा.

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