BPL Card List: हरियाणा में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले परिवारों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है. 30 मार्च 2025 को राज्य में कुल 51,96,380 बीपीएल परिवार थे, जो अब घटकर 48,05,547 रह गए हैं. यानी केवल तीन महीने में करीब 3.90 लाख से ज्यादा परिवार बीपीएल लिस्ट से बाहर हो चुके हैं.
जुलाई में 4 लाख कम परिवारों को मिलेगा राशन
सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई माह में 3,90,833 बीपीएल परिवारों को राशन वितरण से बाहर कर दिया जाएगा. इसका सीधा असर राज्य के सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर पड़ेगा, जिससे अब कम लोगों को सब्सिडी वाला राशन मिलेगा.
आय सही कराने से घटी संख्या, सरकार की अपील रंग लाई
हरियाणा सरकार ने अप्रैल में फर्जी बीपीएल कार्ड रखने वालों को खुद ही लाभ छोड़ने की चेतावनी दी थी. 20 अप्रैल 2025 तक का समय दिया गया था कि वे फैमिली आईडी में अपनी वास्तविक आय दर्ज कराएं और यदि पात्र नहीं हैं तो बीपीएल श्रेणी से बाहर हो जाएं. इस चेतावनी के बाद हजारों लोगों ने स्वेच्छा से लाभ छोड़ दिया.
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सरकार का बड़ा फैसला
सरकार ने स्पष्ट किया था कि अगर कोई व्यक्ति झूठी जानकारी देकर बीपीएल श्रेणी में बना रहता है, तो उससे अब तक मिले सभी लाभों की वसूली की जाएगी और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है. इस सख्ती का असर साफ तौर पर बीपीएल आंकड़ों में आई गिरावट से देखा जा सकता है.
इन जिलों में सबसे ज्यादा घटे बीपीएल परिवार
बीते तीन महीनों में हरियाणा के लगभग हर जिले में बीपीएल परिवारों की संख्या में कमी दर्ज की गई है. आंकड़ों के अनुसार:
- सिरसा में सबसे अधिक 29,652 परिवार सूची से हटे.
- गुरुग्राम में 26,559 परिवार बीपीएल से बाहर हुए.
- करनाल में 23,035 नाम हटा दिए गए.
- वहीं चरखी दादरी में सबसे कम 8,093 परिवारों का नाम सूची से हटाया गया.
इससे यह स्पष्ट है कि जिन जिलों में शहरीकरण और आय का स्तर ऊंचा है, वहां गलत तरीके से बीपीएल लिस्ट में शामिल होने वाले ज्यादा लोग थे.
फैमिली आईडी बना निगरानी का मजबूत माध्यम
हरियाणा सरकार की फैमिली आईडी योजना ने सभी नागरिकों की आय, संपत्ति और परिवार की जानकारी को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाकर पात्रता की जांच आसान बना दी है. इसी व्यवस्था के जरिए फर्जी बीपीएल कार्ड को पकड़ना संभव हुआ.