Face Scan Attendance: सरकारी स्कूलों में अनियमित रूप से उपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर अब डिजिटल निगरानी की सख्ती की जा रही है. नए शिक्षा सत्र से सभी शासकीय शिक्षकों की उपस्थिति ‘सार्थक पोर्टल’ के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज की जाएगी. इसमें अंगूठे की जगह चेहरे की पहचान के बाद ही उपस्थिति मान्य होगी.
9000 शिक्षकों की उपस्थिति अब होगी ऑनलाइन
जिले में कार्यरत करीब 9000 सरकारी शिक्षक अब परंपरागत रजिस्टर की बजाय मोबाइल एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करेंगे. सार्थक एप, जो कि अपडेटेड वर्जन होगा, उसमें हर शिक्षक को स्कूल पहुंचते ही चेहरा स्कैन कर उपस्थिति दर्ज करनी होगी.
लोकेशन भी होगी ट्रेस, बाहर से हाजिरी नहीं चलेगी
इस एप में GPS आधारित लाइव लोकेशन की सुविधा भी होगी. यानी उपस्थिति केवल स्कूल की रजिस्टर्ड लोकेशन से ही मान्य मानी जाएगी. शिक्षक अब स्कूल के बाहर से उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाएंगे, जैसा कि पहले ‘एम शिक्षा मित्र’ एप में संभव था.
सिस्टम न मानने पर कटेगा वेतन
विभाग ने स्पष्ट किया है कि सार्थक एप से उपस्थिति दर्ज न करने पर शिक्षकों का वेतन रोका जा सकता है. यह एप इंटरनेट के बिना भी कार्य करेगा, ताकि नेटवर्क की समस्या के नाम पर अनुपस्थित दिखने की कोई गुंजाइश न रहे.
जून में प्रशिक्षण के साथ ट्रायल रन, जुलाई से पूर्ण लागू
एपीसी प्रवीण सक्सेना के अनुसार, जून माह में शिक्षक प्रशिक्षण के दौरान यह ई-अटेंडेंस प्रणाली पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की जाएगी. 1 जुलाई 2025 से इसे पूरे जिले में स्थायी रूप से लागू कर दिया जाएगा. प्रशिक्षण के दौरान अनुपस्थित रहने वालों का सीधा वेतन कटेगा.
शिक्षकों ने जताया विरोध, लेकिन विभाग का रुख सख्त
हालांकि पिछले वर्षों में शिक्षकों ने एम शिक्षा मित्र और सार्थक एप का विरोध किया था, लेकिन इस बार विभाग ने साफ कर दिया है कि प्रशासनिक पारदर्शिता और उपस्थिति में सुधार के लिए यह कदम अनिवार्य है, और सभी को इसका पालन करना होगा.
सार्थक एप की विशेषताएं
- चेहरे की पहचान आधारित ई-अटेंडेंस
- GPS आधारित लोकेशन ट्रेसिंग
- इंटरनेट की जरूरत नहीं
- फर्जी हाजिरी पर रोक
- वेतन से सीधा जुड़ा तंत्र