Haryana Govt Action: हरियाणा के गुरुग्राम और मानेसर नगर निगमों में नियुक्त कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका है. अब सरकार की अनुमति के बिना की गई सभी नियुक्तियां रद्द की जाएंगी. पिछले डेढ़ साल में 65 से अधिक सेवानिवृत्त और उम्रदराज कर्मचारियों को ‘एक्सपर्ट’ के नाम पर तैनात किया गया था.
शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने जारी किया सख्त आदेश
शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि बिना राज्य सरकार की पूर्व स्वीकृति के किसी भी व्यक्ति को सलाहकार या अन्य पदों पर नियुक्त नहीं किया जा सकता.
विभाग ने सभी नगर निकायों को सख्त चेतावनी दी है कि वे अपनी स्तर पर ऐसी नियमविरुद्ध भर्तियां बंद करें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सलाहकारों की नियुक्ति पर अब लगेगी लगाम
विभाग ने कहा कि हाल ही में यह पाया गया है कि कई निकाय अपने स्तर पर सलाहकारों की नियुक्ति कर रहे हैं. ये नियुक्तियां या तो मानद (honorary) हैं या वेतन के साथ दी जा रही हैं.
यह प्रक्रिया पूरी तरह नियमों के विरुद्ध है, क्योंकि इसके लिए सरकार की पूर्व स्वीकृति आवश्यक है. अब से हर नियुक्ति सरकार की मंजूरी के बाद ही हो सकेगी.
बिना मंजूरी हुई भर्तियां तुरंत रद्द होंगी
जिन नियुक्तियों को बिना अनुमति के किया गया है, उन्हें तुरंत प्रभाव से निरस्त करने का निर्देश दिया गया है.
इस आदेश के जारी होते ही गुरुग्राम और मानेसर नगर निगमों में हड़कंप मच गया है. आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी संबंधित निकायों को इसकी अनुपालन रिपोर्ट ईमेल के माध्यम से निदेशालय को भेजनी होगी.
सिफारिश के आधार पर मिली सुविधाएं भी खत्म होंगी
सूत्रों के मुताबिक, गुरुग्राम और मानेसर नगर निगमों में मंत्रियों और प्रभावशाली अधिकारियों की सिफारिश पर कई कर्मचारियों की भर्ती की गई थी.
इनमें से अधिकतर रिटायर्ड और उम्रदराज कर्मचारी हैं, जिन्हें ‘एक्सपर्ट’ बताकर नियुक्त किया गया था. इन्हें उच्च वेतन, वाहन, ड्राइवर और अन्य सरकारी सुविधाएं भी दी गई हैं.
पहले सीमित थी ऐसी नियुक्तियां, अब बढ़ा आंकड़ा
पहले नगर निगमों में एक्सपर्ट की सेवाएं ली जाती थीं, लेकिन इनकी संख्या कभी 15-20 से ज्यादा नहीं रही.
लेकिन पिछले डेढ़ साल में अधिकारियों ने सिफारिशी नियुक्तियों को बढ़ावा दिया, जिससे ये संख्या 65 के पार पहुंच गई. अब इन नियुक्तियों पर सरकार ने कड़ा संज्ञान लिया है.
अब नियुक्तियों की प्रक्रिया होगी पारदर्शी
सरकार की सख्ती के बाद उम्मीद है कि नगर निगमों में भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और नियम-संगत होगी. यह कदम उन युवाओं के लिए राहत का संकेत हो सकता है जो योग्यता और पात्रता के आधार पर सरकारी नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं.