हरियाणा में टिचर्स ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव, अब पोस्टिंग 5 नहीं 10 साल की होगी Teacher Transfer Rules

Teacher Transfer Rules: हरियाणा सरकार ने मॉडल संस्कृति स्कूलों और पीएमश्री स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव किया है. अब इन स्कूलों में शिक्षकों की पोस्टिंग 5 की बजाय 10 वर्षों के लिए होगी. सरकार ने इस निर्णय को शिक्षा व्यवस्था की स्थिरता और स्कूलों की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए लागू किया है.

MIS पोर्टल पर शुरू हुआ ऑनलाइन आवेदन

सरकार द्वारा तय प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) पोर्टल पर शुक्रवार से ही ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है. जो शिक्षक स्थानांतरण या इन स्कूलों में नियुक्ति के इच्छुक हैं, वे 13 जून की रात 10 बजे तक आवेदन कर सकते हैं.

इस बार परीक्षा लेगा हरियाणा शिक्षा बोर्ड

अबकी बार मॉडल संस्कृति और पीएमश्री स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति हेतु परीक्षा का जिम्मा हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को सौंपा गया है, जबकि पहले यह कार्य सेंटर फॉर टीचर एक्रीडेशन (CENTA) करता था.

यह भी पढ़े:
3,5 और 6 जुलाई को बैंक छुट्टी घोषित, RBI ने जारी की छुट्टी लिस्ट July Bank Holiday

परीक्षा और अकादमिक अंकों का होगा संयुक्त मूल्यांकन

प्राइमरी शिक्षकों के लिए कुल 100 अंकों में से 70 अंक की लिखित परीक्षा और 30 अंक अकादमिक रिकॉर्ड पर आधारित होंगे.
अन्य शिक्षकों के लिए 60 अंक की परीक्षा और 40 प्रतिशत अंक अकादमिक योग्यता से तय होंगे.

इससे ट्रांसफर प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और योग्यता आधारित होगी.

MIS स्कोर बनेगा चयन का आधार

शिक्षकों की तैनाती के लिए अब MIS पोर्टल पर दिखने वाला स्कोर, परीक्षा में प्रदर्शन और अकादमिक अंक — इन तीनों को मिलाकर चयन किया जाएगा. यह सिस्टम पहले से अधिक सिस्टमेटिक और मेरिट-बेस्ड होगा.

यह भी पढ़े:
शनिवार शाम को सोने चांदी में भारी गिरावट, जाने 1 तोले सोने का ताजा भाव Gold Silver Rate

कितने स्कूल और पद हैं शामिल?

  • हरियाणा में फिलहाल:
  • 468 मॉडल संस्कृति व पीएमश्री माध्यमिक उच्च विद्यालय
  • 1420 मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूल संचालित हो रहे हैं.

इन स्कूलों में रिक्त पदों की संख्या काफी अधिक है और सरकार ने इन रिक्तियों को भरने के लिए सभी नियमित और अतिथि अध्यापकों, PGT, TGT, C&V, प्राइमरी शिक्षक, प्रधानाचार्य, मुख्य अध्यापक, और मुख्य शिक्षक से आवेदन आमंत्रित किए हैं.

क्यों लिया गया यह फैसला?

राज्य सरकार का मानना है कि बार-बार तबादलों से स्कूलों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ता है. इसलिए 10 वर्षों की पोस्टिंग नीति से शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ेगी, साथ ही स्कूलों की परफॉर्मेंस में निरंतरता बनी रहेगी.

यह भी पढ़े:
दिल्ली में फर्स्ट क्लास में एडमिशन की उम्र तय, सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को आदेश जारी 1st Class Admission Rule

Leave a Comment

WhatsApp Group