Punjab Canal Break: पंजाब के लेहरागागा क्षेत्र से गुजरने वाली घग्गर ब्रांच नहर में मंगलवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे बड़ा हादसा हो गया. गांव कोटड़ा के पास नहर में करीब 20 फुट लंबी दरार आ गई, जिससे 30 एकड़ से अधिक खेतों में पानी भर गया. इस वजह से कपास, मूंग, मक्का और धान (जीरी) की फसलों को भारी नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है.
मौके पर पहुंचे अफसर
घटना की सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए. स्थानीय गांववासियों की मदद से दरार को भरने का काम तुरंत शुरू कर दिया गया. नहर के पानी का स्तर घटाया गया ताकि मरम्मत का कार्य जल्द और सुरक्षित तरीके से किया जा सके.
पुरानी गलती दोहराई गई
यह कोई पहली बार नहीं है जब इस नहर में दरार आई हो. पिछले वर्ष भी इसी नहर में दरार आई थी, लेकिन विभाग ने उससे कोई सबक नहीं लिया. नहर में जब पानी नहीं होता, तब इसके किनारों की मरम्मत और मजबूती पर ध्यान नहीं दिया जाता. नतीजतन, बारिश या अधिक जलप्रवाह के समय ऐसी दरारें बार-बार सामने आती हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.
तहसीलदार ने दिया आश्वासन
तहसीलदार प्रवीण शिबर ने घटनास्थल पर पहुंचकर कहा कि प्रशासन और नहर विभाग की टीमें मौके पर मौजूद हैं और दरार को जल्द ही बंद कर दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यदि कोई नुकसान हुआ तो उसका सर्वे करवा कर रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी.
किसान बोले- बार-बार टूटती है नहर
स्थानीय किसान बिंदर सिंह ने बताया कि नहर में दरार की वजह से 25 से 30 एकड़ में पानी भर गया है. पानी गांव गागा और आलमपुर के ठड्डे तक पहुंच चुका है. उन्होंने कहा कि नहर केवल एक जगह नहीं, बल्कि कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त है. किसान ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब नहर खाली होती है, तब विभाग को मरम्मत करनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता. यही कारण है कि हर साल यह नहर टूटती है और किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है.
एक्सियन ने बताया- बारिश को देखते हुए विभाग सतर्क
नहर विभाग की एक्सियन किरणदीप कौर ने बताया कि जैसे ही नहर में दरार की जानकारी मिली, स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया. नहर में पानी का स्तर घटाया गया है ताकि काम में कोई अड़चन न आए. उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम को ध्यान में रखते हुए विभाग पूरी तरह सतर्क और मुस्तैद है.
अब भी नहीं चेता विभाग तो दोबारा हो सकती है बड़ी दुर्घटना
स्थानीय लोगों और किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि नहर के किनारों को मजबूत करने का काम जल्द नहीं किया गया, तो भविष्य में इससे भी बड़ी दरारें आ सकती हैं, जिससे सैकड़ों एकड़ फसलें बर्बाद हो सकती हैं. यह सिर्फ एक तकनीकी चूक नहीं, बल्कि किसानों की आजीविका से जुड़ा गंभीर मामला है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता.