यमुना एक्सप्रेसवे किनारे बन रहा नया हाइवे कॉरिडोर, किसानों को मिलेगा सीधा मुआवज़ा Yamuna Expressway

Yamuna Expressway: केंद्र सरकार लगातार देश में बेहतर सड़क नेटवर्क बनाने की दिशा में काम कर रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की अगुआई में एक्सप्रेसवे और हाईवे के निर्माण की रफ्तार तेज हुई है. इसी कड़ी में अब नोएडा से अलीगढ़ तक नया एक्सप्रेसवे बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया है.

यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे विकसित होगा नया कॉरिडोर

इस परियोजना को यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) विकसित कर रही है. नोएडा से अलीगढ़ के बीच बनने वाले इस एक्सप्रेसवे कॉरिडोर को औद्योगिक और लॉजिस्टिक हब के रूप में भी तैयार किया जाएगा, जिससे क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.

41 गांवों की 13,300 एकड़ ज़मीन का होगा अधिग्रहण

इस परियोजना के लिए कुल 41 गांवों की 13,300 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.

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  • इसमें ग्रेटर नोएडा के 36 गांव और
  • अलीगढ़ के 5 गांव शामिल हैं.
  • अधिग्रहण की यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी और किसानों को सीधा भुगतान उनके बैंक खातों में किया जाएगा.

बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह खत्म होगी

सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि इस बार जमीन खरीदने-बेचने की प्रक्रिया में किसी भी बिचौलिए की कोई भूमिका नहीं होगी. इससे किसानों को पूर्ण मुआवज़ा मिलेगा और लेन-देन में पारदर्शिता बनी रहेगी. यह प्रक्रिया सरकार की डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) नीति को भी मजबूती देती है.

YEIDA ने शुरू किया किसानों से सीधा संवाद

  • यमुना अथॉरिटी ने किसानों से सीधा संपर्क करना शुरू कर दिया है.
  • जमीन अधिग्रहण से पहले किसानों को समझाने और सहमति लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
  • इसके बाद अधिग्रहण की प्रक्रिया को शीघ्रता से अंजाम दिया जाएगा.

विकास के लिए 9200 करोड़ का बजट, जमीन खरीद पर खर्च होंगे 5000 करोड़
28 मार्च को हुई YEIDA की अहम बैठक में इस परियोजना के लिए ₹9200 करोड़ का विकास बजट प्रस्तावित किया गया था.

  • इसमें से ₹5000 करोड़ केवल जमीन अधिग्रहण के लिए निर्धारित किए गए हैं.
  • शेष राशि का उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, रोड कंस्ट्रक्शन और कनेक्टिविटी सुधार पर किया जाएगा.

इस परियोजना से क्या होंगे लाभ?

  • नोएडा से अलीगढ़ तक सफर अब तेज और सुगम हो जाएगा.
  • औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय रोजगार के अवसर भी बनेंगे.
  • ट्रैफिक लोड कम होगा और परिवहन लागत घटेगी.
  • ग्रामीण क्षेत्र के विकास में भी नई गति आएगी.

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