New Railway Line: प्रोजेक्ट न केवल हरियाणा बल्कि हिमाचल प्रदेश तक के क्षेत्रों को भी जोड़ेगा, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और व्यापारिक गतिविधियों को काफी बल मिलेगा. चंडीगढ़-बद्दी रेलवे लाइन पर तीन नए स्टेशन बनाए जा रहे हैं. इनमें बद्दी, नानकपुर और चंडीमंदिर रेलवे स्टेशन शामिल हैं. तीनों स्टेशनों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और करीब 40% काम पूरा हो चुका है.
30 किलोमीटर की ऊंची रेलवे लाइन
चंडीमंदिर-बद्दी के बीच बनने वाली 30 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का भी 30% काम पूरा हो चुका है. यह रेलवे छह लेयर में बनाया जा रहा है, जिसमें 8.9 मीटर लघु ट्रैक शामिल होगा. चंडीगढ़ से बद्दी तक बन रहा यह ट्रैक 52 फीट ऊंचा होगा, जबकि कुछ जगहों पर इसकी ऊंचाई 25 फीट तक रखी गई है.
हरियाणा और हिमाचल में अलग-अलग प्रगति
हिमाचल प्रदेश में इसका 60% काम पूरा हो चुका है, जबकि हरियाणा में 30% काम ही पूरा हुआ है. पूरी परियोजना को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. एलिवेटिड ब्रिज बनाने का मुख्य उद्देश्य ग्रीन फील्ड को बचाना है, जिसमें रोड क्रॉसिंग भी शामिल है. इससे जमीन और पटरियों की मरम्मत लागत में भी कमी आएगी.
एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक हब को मिलेगा फायदा
2026 तक, यह परियोजना बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ फार्मा हब और एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ देगी. इससे पूरे क्षेत्र को बद्दी-कोलकाता गलियारे से जुड़ने का लाभ मिलेगा. उद्योगों को कच्चा माल लाने और तैयार माल भेजने में आसानी होगी, जिससे लागत कम होगी और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.
100-120 किमी/घंटा की स्पीड के लिए तैयार होगा ट्रैक
यह रेलवे लाइन 100-120 किमी/घंटा की रफ्तार के लिए डिजाइन की जा रही है. चंडीमंदिर से बद्दी तक यह रेलवे धमाला, लोहगढ़, खेड़ा टांडा, जोलूवाल, कोना और मंडावाला से होकर गुजरेगी. इसके अलावा, यह हरियाणा के 42 गांवों और हिमाचल के 9 गांवों को कवर करेगी.
2007 में हुई थी घोषणा, अब तेजी से चल रहा काम
इस 30 किलोमीटर लंबी रेलवे परियोजना की घोषणा 2007 में की गई थी. अब भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है और कुछ आंशिक बदलावों के साथ ट्रेन संचालन की योजना बनाई जा रही है.