BPL Ration Card हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में उन लोगों से अपील की थी जो अब बीपीएल श्रेणी के लिए पात्र नहीं हैं, कि वे नैतिकता के आधार पर खुद ही इस श्रेणी से बाहर हो जाएं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि यदि कोई अपात्र व्यक्ति जांच में पकड़ा गया, तो उससे अब तक मिली सुविधाओं की वसूली की जाएगी और कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
अब तक चार लाख लोगों ने छोड़ा BPL कार्ड
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस अपील के बाद करीब 3.90 लाख परिवारों ने स्वेच्छा से बीपीएल सूची से बाहर होना स्वीकार कर लिया है. इससे पहले 31 मार्च 2025 को राज्य में बीपीएल परिवारों की संख्या 51,96,380 थी, जो अब घटकर 48,05,547 हो गई है.
इस बदलाव के बाद जुलाई माह से लगभग चार लाख परिवारों को राशन और अन्य सरकारी सुविधाएं नहीं मिलेंगी, जिससे सरकार को बड़ी आर्थिक बचत होगी. यह राशि अब उन वास्तविक जरूरतमंद परिवारों के विकास पर खर्च की जा सकेगी.
सिरसा में सबसे अधिक नाम कटे
बीपीएल सूची से सबसे अधिक परिवार सिरसा जिले में बाहर हुए हैं. हरियाणा में लंबे समय से बीपीएल कार्डों में फर्जीवाड़े की शिकायतें सामने आती रही हैं. फैमिली आईडी में सही जानकारी अपडेट होने के बाद यह साफ हो पाया कि कई लोग अपात्र होकर भी सरकारी लाभ उठा रहे थे.
हरियाणा परिवार पहचान पत्र प्राधिकरण के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. सतीश खोला ने कहा कि पारदर्शी व्यवस्था और डेटा सुधार के चलते यह गिरावट देखने को मिल रही है.
अपात्र लोगों ने खुद की पहल से छोड़ा लाभ
यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने स्वेच्छा से बीपीएल सूची से खुद को बाहर कराया है. सरकार का कहना है कि यह एक नियमित और पारदर्शी प्रक्रिया है, और अब भी जो लोग अपने को अपात्र मानते हैं, वे इस श्रेणी से खुद को अलग कर सकते हैं.
स्वरोजगार और सरकारी योजनाओं का असर
नायब सिंह सैनी सरकार की योजनाएं जैसे पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया, स्वरोजगार कार्यक्रम, अंत्योदय परिवार उत्थान योजनाएं और युवाओं को सरकारी नौकरियों में अवसर जैसे कारणों से भी लोग गरीबी रेखा से बाहर आ रहे हैं. इसके अलावा कई परिवार राज्य से बाहर चले गए हैं, जिसके चलते भी बीपीएल कार्डों की संख्या में कमी आई है.