Battery Water Refill Time: इन्वर्टर आजकल हर घर की जरूरत बन गया है, खासकर उन इलाकों में जहां बिजली कटौती आम है. लेकिन इन्वर्टर का असली कामकाज उसकी बैटरी पर निर्भर करता है. अगर बैटरी की सही देखभाल न की जाए, तो इन्वर्टर बहुत जल्दी खराब हो सकता है. इस लेख में हम जानेंगे कि बैटरी में कब और कैसे पानी डालना चाहिए और कौन-सा पानी बैटरी के लिए सही होता है.
कौन-सा पानी डालना चाहिए इन्वर्टर की बैटरी में?
- सबसे जरूरी बात यह है कि इन्वर्टर बैटरी में कभी भी नल का पानी नहीं डालना चाहिए.
- नल के पानी में मौजूद खनिज तत्व (Minerals) बैटरी की प्लेट को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
- इससे बैटरी की क्षमता कम हो जाती है और उसकी आयु घटने लगती है.
- इन्वर्टर बैटरी में केवल डिस्टिल्ड वॉटर (Distilled Water) यानी कि आसुत जल का ही उपयोग करना चाहिए. यह शुद्ध होता है और बैटरी की सेहत के लिए सही होता है.
बैटरी में पानी बदलना नहीं, टॉप-अप करना जरूरी होता है
- इन्वर्टर बैटरी का पानी पूरी तरह नहीं बदला जाता, बल्कि उसे समय-समय पर टॉप-अप किया जाता है.
- बैटरी के अंदर हर सेल में एक निश्चित पानी का स्तर होता है.
- पानी का स्तर न्यूनतम (Min) और अधिकतम (Max) के बीच होना चाहिए.
- जब भी पानी न्यूनतम स्तर के करीब पहुंचे, तो तुरंत डिस्टिल्ड वॉटर डालकर उसे अधिकतम या उससे थोड़ा कम स्तर तक भर देना चाहिए.
बैटरी में पानी टॉप-अप करने का सही समय क्या है?
- इन्वर्टर के इस्तेमाल की मात्रा पर यह निर्भर करता है कि पानी कितनी जल्दी कम होता है.
- सामान्यतः हर 2 से 3 महीने में बैटरी के पानी का स्तर जरूर चेक करना चाहिए.
- इसके लिए बैटरी निर्माता कंपनी द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें.
- कुछ बैटरियों में विजुअल इंडिकेटर या लेवल मार्कर होता है, जिससे आसानी से देखा जा सकता है कि पानी का स्तर कम है या नहीं.
टॉप-अप करते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें
- पानी हमेशा शांत बैटरी में डालें, जब वह चार्जिंग या डिस्चार्जिंग पर न हो.
- बैटरी के ढक्कन को सावधानी से खोलें, ताकि अंदर की प्लेट को नुकसान न हो.
- पानी को धीरे-धीरे डालें और हर सेल में समान मात्रा में भरें.
- सुनिश्चित करें कि पानी का स्तर अधिकतम सीमा से ऊपर न जाए.
नियमित देखभाल से बैटरी की लाइफ बढ़ेगी
- अगर आप समय पर बैटरी का टॉप-अप करते हैं, तो यह न केवल उसकी परफॉर्मेंस को बेहतर बनाता है, बल्कि उसकी लाइफ भी कई साल तक बढ़ा सकता है.
- सही पानी और सही समय पर टॉप-अप से आप बार-बार बैटरी बदलवाने के खर्च से बच सकते हैं.
- साथ ही, इन्वर्टर की क्षमता और बैकअप टाइम भी सही बना रहता है.