स्मार्ट मीटर लगते ही 300 से 1250 रुपये तक पहुंचा बिल, शिकायत करने वालों की लगी लाइन Smart Meter Bill Issue

Smart Meter Bill Issue: बलिया जिले के नगरा क्षेत्र में लगे स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का कारण बन गए हैं. जैसे ही घरों में ये स्मार्ट मीटर लगे, बिजली बिल अचानक दोगुना हो गया. पहले जिनका मासिक बिल 350 से 500 रुपये आता था, अब वो 1000 से 1250 रुपये तक पहुंच गया है. इससे लोग न केवल हैरान हैं बल्कि लगातार बिजली विभाग में शिकायतें दर्ज करा रहे हैं.

शिकायतों की भरमार, समाधान नहीं

नगरा क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों की बाढ़ आ गई है. लोग कह रहे हैं कि जितनी बिजली पहले उपयोग हो रही थी, उतनी ही अब भी हो रही है, फिर भी बिल में अचानक इतनी भारी बढ़ोतरी क्यों? सोनाडी गांव के निवासी गौतम तिवारी ने बताया, “पहले मेरा बिल 300 रुपये के आसपास आता था, अब सीधे 1250 रुपये आ रहा है. खपत तो वही है, फिर ये अंतर क्यों?”

दूसरी ओर, निर्भय प्रकाश नामक उपभोक्ता ने कहा कि, “हम विभाग में जाकर शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अधिकारी कहते हैं कि मीटर सही है और बिल खपत के अनुसार ही आ रहा है.”

यह भी पढ़े:
बिजली बिल भरने वालों की हुई मौज! हरियाणा सरकार ने दिए VIP सुविधा वाले आदेश Electricity bill payment facilities

विभाग की सफाई

इस मामले में एसडीओ नगरा अशोक कुमार ने बताया कि “कुछ उपभोक्ताओं की शिकायतें मिली हैं कि बिल अधिक आ रहा है. हम इसकी जांच कर रहे हैं. उपभोक्ताओं को संतुष्ट किया जाएगा.” उन्होंने यह भी दावा किया कि स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम पूरी तरह पारदर्शी है. जितनी खपत होगी, उतना ही बिल आएगा.

एसडीओ ने यह भी कहा कि जिन उपभोक्ताओं को बिल में संदेह है, वे खुद भी अपने मीटर की रीडिंग लेकर बिल की पुष्टि कर सकते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि “यह सुविधा स्मार्ट मीटर ही नहीं, सामान्य मीटर के लिए भी उपलब्ध है.”

आंकड़ों में सच

नगरा क्षेत्र के पांच प्रमुख उपकेंद्र — नगरा, सलेमपुर, तुर्की दौलतपुर, कसौंडर, और दैलमनमधौकी पुर — में कुल 29,000 विद्युत उपभोक्ता हैं. इनमें से अब तक 4,300 घरों और दुकानों पर स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. शिकायतें मुख्य रूप से उन उपभोक्ताओं से आ रही हैं जिनके यहां हाल ही में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं.

यह भी पढ़े:
बदला जाएगा गुड़गांव रेलवे स्टेशन का नाम, नया नाम रखने के आदेश हुए जारी Railway Station Name Change

इन उपभोक्ताओं में अधिकांश ने दावा किया है कि बिना किसी अतिरिक्त बिजली उपकरण के उपयोग किए भी बिल में दो से तीन गुना तक का इजाफा हो गया है.

स्मार्ट मीटर से फायदा या नुकसान?

सरकार और बिजली विभाग स्मार्ट मीटर को बिजली क्षेत्र में पारदर्शिता और सटीकता लाने का जरिया बता रहे हैं. इन मीटरों के जरिए उपभोक्ता खुद भी अपने खपत की निगरानी कर सकते हैं. इसके अलावा, बिजली चोरी रोकने में भी यह तकनीक कारगर मानी जाती है.

हालांकि बलिया के उपभोक्ताओं के अनुभव इसके उलट हैं. उनका कहना है कि मीटर लगने के बाद न तो खपत की निगरानी का लाभ मिल रहा है, न ही बिल में कोई स्पष्टता है. उल्टा बिल कई गुना बढ़ गया है और शिकायतों का समाधान नहीं हो रहा.

यह भी पढ़े:
कैंपिंग करने वालों के लिए भारत की 5 बेस्ट जगहें, शाम के टाइम खूबसूरती देख दिल हो जाएगा खुश Best Camping Place

जमीनी हकीकत

गांवों और कस्बों में जहां लोग सीमित आय पर निर्भर हैं, वहां बिजली बिल में इस तरह की बढ़ोतरी लोगों की जेब पर भारी पड़ रही है. कई लोग स्मार्ट मीटर को हटवाने की मांग कर रहे हैं. वहीं कुछ लोग यह भी आरोप लगा रहे हैं कि बिजली विभाग बिना जांच के बिल वसूल रहा है.

स्थानीय निवासी रामनाथ यादव ने कहा, “हमने विभाग में कई बार शिकायत की, लेकिन हर बार यही जवाब मिला कि ‘मीटर सही है.’ अब सवाल यह उठता है कि जब उपयोग में कोई बदलाव नहीं, तो बिल कैसे बढ़ा? क्या मीटर गलत रीडिंग दे रहा है या फिर कोई और तकनीकी समस्या है?”

आगे क्या?

फिलहाल एसडीओ ने जांच का आश्वासन जरूर दिया है, लेकिन जब तक विभाग उपभोक्ताओं को ठोस समाधान नहीं देता, तब तक असंतोष बना रहेगा. यदि बिल में सुधार नहीं होता तो लोगों में आंदोलन की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

यह भी पढ़े:
ICICI-HDFC बैंक में खाता है तो सावधान, 1 जुलाई से बैंक से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव Transaction Charges Hike

बिजली विभाग को चाहिए कि वो मामलों की स्वतंत्र तकनीकी जांच करवाए, उपभोक्ताओं को रीयल-टाइम खपत की जानकारी दे और यदि कहीं गलत बिलिंग हो रही हो तो उसे तत्काल सुधारे. तभी जाकर स्मार्ट मीटर की स्वीकार्यता लोगों में बढ़ेगी.

Leave a Comment

WhatsApp Group