Govt Employee Leave: हरियाणा सरकार ने राज्य के ग्रुप C और ग्रुप D के नियमित सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए छुट्टी के दिन काम करने पर प्रतिपूरक अवकाश (Compensatory Off) देने की मंजूरी दे दी है. इस निर्णय को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में हरी झंडी दी गई है.
हरियाणा सिविल सेवा अवकाश नियमों में संशोधन
इस फैसले के तहत हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन किया गया है. इसमें नया नियम 77A जोड़ा गया है, जिसके तहत यदि कोई कर्मचारी किसी अधिसूचित सार्वजनिक अवकाश (जैसे रविवार, स्वतंत्रता दिवस, त्योहार आदि) पर आधिकारिक ड्यूटी करता है, तो वह प्रतिपूरक अवकाश का पात्र होगा.
1 महीने के भीतर लेना होगा अवकाश
नियम के मुताबिक, कर्मचारी को ड्यूटी करने की तिथि से 1 महीने के भीतर अवकाश लेना अनिवार्य है. यदि कर्मचारी समयसीमा के भीतर आवेदन करता है और स्वीकृति प्राधिकारी (अथॉरिटी) किसी कारणवश उसे मंजूरी नहीं देता, तो कर्मचारी को अगले 15 दिनों के भीतर यह अवकाश लेना होगा, अन्यथा वह स्वत: समाप्त मान लिया जाएगा.
कुल अवकाश 16 दिन से अधिक नहीं
इस प्रतिपूरक अवकाश को स्टेशन लीव या अन्य छुट्टियों के साथ जोड़ा जा सकता है, लेकिन किसी भी स्थिति में कुल छुट्टी 16 दिन से अधिक नहीं हो सकती. साथ ही अगर उस दिन के लिए किसी प्रकार का वित्तीय प्रोत्साहन (Financial Incentive) पहले से मिल चुका है या प्रस्तावित है, तो उस दिन के लिए यह अवकाश नहीं मिलेगा.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को मिला नया नाम
मंत्रिमंडल ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए हरियाणा के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) का नाम बदलकर अब राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, हरियाणा करने की मंजूरी दी है. यह बदलाव ब्यूरो की बढ़ती जिम्मेदारियों और कार्यक्षमता को ध्यान में रखते हुए किया गया है. नया नाम संस्था की दोहरी भूमिका – भ्रष्टाचार से लड़ना और प्रशासनिक सतर्कता बनाए रखना – को बेहतर ढंग से परिभाषित करता है.
विधानसभा पेंशनधारकों को मिलेगा हर माह ₹10,000 का यात्रा भत्ता
बैठक में एक और महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए हरियाणा विधानसभा (सदस्यों का वेतन, भत्ते और पेंशन) अधिनियम, 1975 की धारा 7C में संशोधन को भी मंजूरी दी गई. संशोधन के अनुसार अब पेंशनधारक पूर्व विधायक और उनके परिजन भारत में कहीं भी यात्रा के लिए ₹10,000 प्रति माह का विशेष यात्रा भत्ता प्राप्त करते रहेंगे. पहले इस पर ₹1,00,000 की सीमा निर्धारित थी, जिसे अब हटा दिया गया है.
क्यों है यह फैसला महत्वपूर्ण?
इस संशोधन और नए नियमों से हरियाणा के हजारों सरकारी कर्मचारियों को मानसिक संतुलन, कार्य संतुष्टि और पारिवारिक समय के लिहाज से लाभ मिलेगा. साथ ही पूर्व विधायकों और उनके परिवारों को मिलने वाला यात्रा भत्ता भी उनके सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाएगा.
प्रशासनिक सुधार की दिशा में मजबूत कदम
मुख्यमंत्री सैनी की अध्यक्षता में हुए ये सभी निर्णय यह दर्शाते हैं कि हरियाणा सरकार अब प्रशासनिक सुधारों को निरंतर लागू करने के रास्ते पर है. चाहे वह कर्मचारियों के हितों की रक्षा हो, या संस्थाओं की कार्यक्षमता में सुधार – ये फैसले राज्य के शासन तंत्र को अधिक पारदर्शी और जिम्मेदार बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम हैं.