6 June Gas Cylinder Price: झारखंड में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतें देश के बड़े महानगरों से भी ज्यादा हो गई हैं. 6 जून 2025 के लिए जारी नई कीमतों के अनुसार, राज्य के कई जिलों में 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर की दर 910 रुपये के पार पहुंच गई है, जबकि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में यह कीमतें इससे कम हैं.
दिल्ली-मुंबई से सस्ता नहीं, झारखंड में सिलेंडर सबसे महंगा
दिल्ली में 853 रुपये, मुंबई में 852.50 रुपये, चेन्नई में 868.50 रुपये और कोलकाता में 879 रुपये में एलपीजी सिलेंडर मिल रहा है, जबकि झारखंड के लगभग हर जिले में रसोई गैस की कीमत 892.50 से लेकर 912 रुपये तक पहुंच चुकी है. यह दरें अब देश के प्रमुख शहरों को भी पीछे छोड़ चुकी हैं.
जमशेदपुर और सरायकेला में सबसे ‘सस्ती’ गैस, फिर भी महानगरों से महंगी
अगर झारखंड में कहीं सबसे कम एलपीजी सिलेंडर की कीमत है, तो वह है जमशेदपुर और सरायकेला-खरसावां, जहां 6 जून को 892.50 रुपये में 14.2 किलो का सिलेंडर उपलब्ध है. लेकिन यह कीमत भी दिल्ली और मुंबई से ज्यादा है.
रांची, धनबाद, देवघर में 910.50 रुपये में मिल रही है रसोई गैस
राजधानी रांची सहित बोकारो, देवघर, धनबाद, दुमका, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, जामताड़ा, खूंटी, लातेहार, लोहरदगा, पाकुड़, साहिबगंज और सिमडेगा जैसे जिलों में LPG सिलेंडर की कीमत आज 910.50 रुपये पर पहुंच गई है.
हजारीबाग, कोडरमा और रामगढ़ में 912 रुपये पार
हजारीबाग, कोडरमा और रामगढ़ में तो सिलेंडर का दाम 912 रुपये तक पहुंच गया है, जो राज्य में सबसे अधिक है. वहीं, चतरा में 909.50 रुपये और चाईबासा में 902 रुपये में सिलेंडर मिल रहा है.
झारखंड के जिलों में 6 जून को एलपीजी सिलेंडर के रेट (14.2 किलोग्राम)
जिला | कीमत (रुपये) |
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रांची | 910.50 |
जमशेदपुर | 892.50 |
धनबाद | 910.50 |
बोकारो | 910.50 |
गिरिडीह | 910.50 |
देवघर | 910.50 |
दुमका | 910.50 |
हजारीबाग | 912.00 |
कोडरमा | 912.00 |
पलामू | 910.50 |
चतरा | 909.50 |
जामताड़ा | 910.50 |
गढ़वा | 910.50 |
गोड्डा | 910.50 |
गुमला | 910.50 |
खूंटी | 910.50 |
चाईबासा | 902.00 |
लातेहार | 910.50 |
लोहरदगा | 910.50 |
पाकुड़ | 910.50 |
रामगढ़ | 912.00 |
साहिबगंज | 910.50 |
सरायकेला-खरसावां | 892.50 |
सिमडेगा | 910.50 |
राज्य में क्यों बढ़ी कीमतें? स्थानीय लागत और ट्रांसपोर्टेशन हो सकते हैं कारण
हालांकि केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी या टैक्स स्ट्रक्चर में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि झारखंड में परिवहन लागत, भंडारण खर्च और डिस्ट्रीब्यूटर मार्जिन जैसे स्थानीय कारणों के चलते कीमतों में अंतर देखने को मिल रहा है.