New University: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक बड़ा और रणनीतिक कदम उठाते हुए राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) के अस्थायी और स्थायी परिसर की स्थापना के लिए पंचकूला में निशुल्क भूमि देने की पेशकश की है. यह प्रस्ताव फॉरेंसिक शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में अहम माना जा रहा है.
अमित शाह को पत्र भेजकर मांगी मंजूरी
मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक आधिकारिक पत्र लिखकर परियोजना को शीघ्र स्वीकृति देने का अनुरोध किया है. उन्होंने इस पत्र में राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोग की बात दोहराई है और NFSU कैंपस के शीघ्र निर्माण की इच्छा जताई है.
पहले भी भेजा जा चुका है प्रस्ताव
यह उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार ने 15 नवंबर 2022 को ही पंचकूला में NFSU कैंपस की स्थापना के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था. यह प्रस्ताव बाद में गांधीनगर स्थित NFSU को भेजा गया था, जिसने एक निरीक्षण समिति गठित कर दी थी.
समिति ने की स्थल निरीक्षण और दी रिपोर्ट
गांधीनगर से आई समिति ने अगस्त में पंचकूला जाकर प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण किया और फिर अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंप दी. अब यह प्रस्ताव गृह मंत्रालय की मंजूरी की प्रतीक्षा में है.
युवाओं को मिलेगा बड़ा लाभ
सीएम सैनी ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि इस संस्थान की स्थापना से न केवल हरियाणा में फॉरेंसिक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा बल्कि राज्य के युवाओं के लिए रोजगार और प्रशिक्षण के नए अवसर भी खुलेंगे. इससे छात्रों को आधुनिक तकनीकों में दक्षता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा.
BNS और न्यायिक प्रक्रियाओं में मिलेगा लाभ
हरियाणा गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि यह संस्थान विशेष रूप से नए आपराधिक कानून – भारतीय न्याय संहिता (BNS) के संदर्भ में छात्रों को तैयार करेगा. इससे वे कानून प्रवर्तन एजेंसियों और न्यायिक प्रक्रियाओं में अधिक प्रभावी योगदान दे सकेंगे.
शिक्षा के क्षेत्र में नई शुरुआत
NFSU के कैंपस की स्थापना को हरियाणा के शिक्षा ढांचे में एक बड़ी छलांग के रूप में देखा जा रहा है. इससे न केवल राज्य बल्कि पूरे उत्तर भारत में फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई को नई दिशा मिलेगी और इसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी मिलेगी.
केंद्रीय सहयोग से बनेगा उच्च स्तरीय संस्थान
हरियाणा सरकार की इस पहल को केंद्रीय गृह मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय से समर्थन मिलने की उम्मीद है. अगर यह मंजूरी मिलती है, तो पंचकूला में जल्द ही एक अत्याधुनिक फॉरेंसिक कैंपस आकार ले सकता है, जिससे राज्य में तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान को नई गति मिलेगी.