Truck Driver Facility: देश के लाखों ट्रक, बस और टैक्सी चालकों के लिए एक बड़ी राहतभरी खबर सामने आई है. अब उन्हें लंबे सफर के दौरान सस्ते, साफ-सुथरे और सुरक्षित एसी विश्राम स्थल मिलेंगे. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर ‘अपना घर’ नाम से विश्राम गृहों की शुरुआत कर दी गई है. इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत 4 जगहों पर ये सुविधा शुरू की गई है.
क्या है ‘अपना घर’?
‘अपना घर’ एक ऐसा मॉडल है जिसमें ड्राइवरों को ₹112 में 8 घंटे तक एसी बेड, वाईफाई, किचन, सीसीटीवी सुरक्षा और ढाबे की सुविधा दी जाती है.
ये भारत के पहले ऐसे एक्सप्रेसवे हैं जहां ड्राइवरों को प्रॉपर डोरमेट्री रेस्ट स्पेस दिया जा रहा है
यह योजना इंडियन ऑयल के सहयोग से चलाई जा रही है
फ्यूल भरवाने पर मिलेगी फ्री सुविधा
- अगर कोई ट्रक ड्राइवर एक्सप्रेसवे पर 50 लीटर या अधिक डीजल भरवाता है, तो उसे ‘अपना घर’ में रुकने की सुविधा बिल्कुल मुफ्त मिलेगी.
- यह योजना ड्राइवरों को कम कीमत में बेहतरीन आराम और सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू की गई है
बुकिंग कैसे होगी?
- ड्राइवरों को ‘अपना घर’ मोबाइल ऐप के जरिए बुकिंग करनी होगी.
- ऐप में लॉगिन करके ड्राइविंग लाइसेंस, मोबाइल नंबर और रुकने के घंटे दर्ज करने होंगे
- 2 घंटे का रेट ₹56
- 8 घंटे का रेट ₹112
- 8 घंटे से अधिक रुकने पर ₹366 देना होगा
दौसा में शुरू हुआ पहला केंद्र
- दौसा स्थित ‘अपना घर’ में फिलहाल 30 से ज्यादा एयरकंडीशन बेड, लॉकर, वाईफाई, सीसीटीवी निगरानी, रसोईघर, और ट्रकों की पार्किंग व्यवस्था है.
- यहां ड्राइवर खुद खाना पका सकते हैं या ढाबे में खा सकते हैं
ढाबा और भोजन की व्यवस्था
- ‘अपना घर’ में एक शुद्ध शाकाहारी ढाबा बनाया गया है जहां ₹130 में भरपेट थाली मिलेगी:
- दाल, सब्जी, चावल, रोटी, पापड़, अचार, सलाद
- इसके अलावा छोले-भटूरे, पराठे, समोसे, चाट, चाय और कोल्ड ड्रिंक भी उपलब्ध
हर 50 किमी पर बनेगा ‘अपना घर’
- फिलहाल दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर 4 ‘अपना घर’ केंद्र चालू किए गए हैं.
- योजना है कि हर 50 किलोमीटर की दूरी पर एक अपना घर बनाया जाए
- इससे ड्राइवरों को ठहरने के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक स्थान मिलेगा
- इससे सड़क दुर्घटनाओं की दर भी कम होगी, जो नींद पूरी न होने के कारण होती हैं
क्यों है यह योजना खास?
- अब तक नेशनल हाइवे पर ड्राइवरों को ढाबों, ट्रकों या असुरक्षित जगहों पर रुकना पड़ता था
- जहां ना तो साफ-सफाई होती थी, ना ही सुरक्षा
- 70% सड़क दुर्घटनाएं थके हुए ड्राइवरों की वजह से होती हैं
‘अपना घर’ इस समस्या का स्थायी और सस्ता समाधान देने का प्रयास है