75 साल पुराने पेड़ों को भी मिलती है पेंशन, बैंक खाते में आएंगे 2750 रुपए Pran Vayu Devata Yojana

Pran Vayu Devata Yojana: हरियाणा सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और पुराने पेड़ों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक और अनोखी योजना की शुरुआत की है. इस योजना का नाम है ‘प्राण वायु देवता पेंशन योजना’, जिसके तहत 75 साल या उससे अधिक आयु के पेड़ों को वार्षिक पेंशन दी जा रही है.

योजना की शुरुआत और उद्देश्य

इस योजना की शुरुआत 5 जून 2021 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर की गई थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस योजना को वृद्धावस्था सम्मान पेंशन की तर्ज पर लॉन्च किया. इसका उद्देश्य है लोगों को वृक्ष संरक्षण के लिए प्रेरित करना, पुराने पेड़ों की देखभाल सुनिश्चित करना और हरियाली को बढ़ावा देना.

पेड़ों को कितनी मिलती है पेंशन?

योजना की शुरुआत में 75 साल से अधिक उम्र के पेड़ों के लिए ₹2500 सालाना पेंशन की व्यवस्था की गई थी. अब यह राशि बढ़ाकर ₹2750 प्रति वर्ष कर दी गई है. यह पेंशन राशि उन लोगों को दी जाती है जो पेड़ की देखभाल और संरक्षण की जिम्मेदारी लेते हैं.

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किन लोगों को मिलेगा इस योजना का लाभ?

निजी जमीन पर पेड़ होने पर: अगर पेड़ किसी व्यक्ति की निजी जमीन पर स्थित है तो पेंशन राशि सीधे भूमि स्वामी के खाते में भेजी जाती है.

पंचायती जमीन पर पेड़ होने पर: अगर पेड़ पंचायती भूमि पर है तो पेंशन की राशि स्थानीय पंचायत को दी जाएगी, ताकि वह उसकी देखभाल कर सके.

पेड़ों की आयु का निर्धारण कैसे होता है?

योजना के तहत पेड़ की आयु की पुष्टि के लिए जिला स्तर पर एक विशेष समिति गठित की गई है. समिति निम्नलिखित तरीकों से पेड़ की उम्र का आकलन करती है:

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तने का व्यास

  • स्थानीय जानकारी: गांव के बुजुर्गों से पेड़ के इतिहास की जानकारी
  • ड्रिल परीक्षण: तने में ड्रिल कर रिंग्स (छल्लों) की गणना द्वारा वास्तविक उम्र का मूल्यांकन

आवेदन प्रक्रिया और जांच कैसे होती है?

  • वन विभाग को आवेदन मिलने के बाद समिति द्वारा जांच की जाती है.
  • समिति मौके पर जाकर पेड़ का भौतिक निरीक्षण करती है.
  • निर्धारित मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है.
  • पात्र पाए गए पेड़ों को पेंशन स्वीकृत कर दी जाती है.

वन विभाग का रिकॉर्ड और योजना का भविष्य

हरियाणा सरकार ने सभी जिलों के वन अधिकारियों से 75 साल या अधिक आयु के पेड़ों का डेटा एकत्र करने को कहा है. इसका मकसद है लंबे समय तक पर्यावरण की रक्षा करना और लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करना.

पहले चरण में 20 पेड़ों को मिली मंजूरी

योजना की शुरुआत में पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं. पहले चरण में 20 पेड़ों को पेंशन के लिए मंजूरी दी गई है और आने वाले समय में इसका प्रभाव और दायरा तेजी से बढ़ाया जा रहा है.

योजना का सामाजिक और पर्यावरणीय महत्व

‘प्राण वायु देवता पेंशन योजना’ का उद्देश्य वृक्षों को जीवंत अस्तित्व देना है. यह योजना ना केवल प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करती है बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का भी एहसास कराती है. इससे लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वृक्षों की देखभाल एक सामाजिक कर्तव्य बनकर उभरेगी.

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